कर्नाटक विधानसभा चुनाव की मतगणना के बाद किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के बाद से सरकार बनाने को लेकर चल रहा असमंजस बुधवार शाम को साफ हो गया है।सूत्रों के मुताबिक, राज्यपाल वजुभाई वाला ने राज्य में सरकार बनाने के लिए सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को चुना है। बीजेपी सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है राज्यपाल ने बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिया है। सूत्रों के मुताबिक, येदियुरप्पा कल सुबह 9:30बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए येदियुरप्पा ने राज्यपाल से एक सप्ताह का समय मांगा है।
इसके बाद कांग्रेस ने राज्यपाल के इस फैसले पर आपत्ति जाहिर की है। कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और जेडीएस के पास बहुमत के लिए पर्याप्त संख्या है, फिर भी राज्यपाल ने कुमारस्वामी को सरकार बनाने के लिए नहीं बुलाया। वह उम्मीद करते हैं कि संविधान का उल्लंघन नहीं होगा। राज्यपाल के फैसले के बाद कपिल सिब्बल ने कहा कि मणिपुर हो या फिर मेघालय हो, राज्यपाल ने बहुमत के हिसाब से सरकार बनवाई थी। फिर कर्नाटक के मामले में ऐसा क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल अगर संविधान का उल्लंघन करता है तो निश्चित रूप से कहीं न कहीं से तो दबाव है। इसी तरह राज्यपाल के फैसले पर आपत्ति जाहिर करते हुए एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि किसी को 3करोड़ रुपये का ऑफर दिया जा रहा है, किसी को 5करोड़ तो किसी को 100करोड़ का। सड़क पर घूमने वाले की कोई कीमत है?
कर्नाटक चुनाव के नतीजों में कोई भी पार्टी बहुमत का जादुई आंकड़ा (112) पार नहीं कर पाई थी। ऐसे में सत्ता हासिल करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों तरफ से विधायकों को जोड़ने-तोड़ने की हर संभव कोशिश चल रही थी। फिर शाम को कुमारस्वामी कांग्रेस-जेडीएस के कुल 113विधायकों को लेकर राजभवन पहुंच गए।जेडीएस नेता कुमारस्वामी, कांग्रेस विधायक जी. परमेश्वर और रेवन्ना ने राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात की और सभी विधायकों का समर्थन-पत्र भी सौंप दिया था।कुमारस्वामी और जी. परमेश्वर ने बताया था कि उन्होंने कांग्रेस-जेडीएस के सभी विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंप दिया है। उम्मीद है राज्यपाल संविधान के मुताबिक, फैसला लेंगे। कांग्रेस-जेडीएस ने यह भी कहा था कि अगर उन्हें सरकार बनाने का मौका नहीं मिला, तो वो सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं। ऐसे में अब राज्यपाल की ओर से भाजपा को बहुमत साबित करने का ऑफर देने के बाद क्षेत्र की स्थिति बिगड़ने की संभावना है।
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