आज दिल्ली में रेल मंत्रालय और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है. उम्मीद की जा रही है की इस बैठक में ट्रेनों के परिचालन को फिर से शुरु करने को लेकर कुछ अहम् फैसले लिए जा सकते हैं. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए 38 दिन पहले यानि 22 मार्च से ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई थी. मौजूदा परिस्थिति की गंभीरता को देखते हुए ऐसा किया गया था. अब जब 3 मई को देश लॉकडाउन खुलने की उम्मीद कर रहा है तो इन सुविधाओं को फिर से बहाल करना रेलवे के लिए एक बड़ी चुनौती होगी.
लॉक डाउन के बावजूद देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 30000 के आकड़े को पार कर गई है. हर रोज इस संख्या में इजाफा ही देखने को मिल रहा है. हालत बहुत अच्छे नहीं दिखाई पड़ रहे है. देश के कई राज्यों और जिलों को कोरोना ने जकड़ रखा है वही कुछ जिले ऐसे हैं जहां कोरोना के एक भी मरीज अब तक सामने नहीं आये हैं. इस हालत में ट्रेन सेवा किस तरह शुरु होगी इसका फैसला करना रेलवे के अधिकारियो के लिए आसन नहीं होगा.
14 अप्रैल को मुंबई में जो नजारा देखने को मिला वो दोबारा न हो इसका भी रेलवे को ध्यान रखना होगा. कई राज्यों ने प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं, इनको वापस अपने राज्य भेजने केलिए कई राज्य रेलवे से स्पेशल ट्रेनें चलाने की मांग कर रहे हैं. दूसरी तरफ रेलवे के पास ऐसी भी सलाह आई है कि जब भी ट्रेनों को चलाया जाए तो इसमें AC कोच न हो ताकि संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके.बता दें कि फ़िलहाल रेलवे ने किसी भी तारीख के लिए टिकटों के बुकिंग पर रोक लगा रखी है. शुरूआती दिनों में सिमित संख्या में यात्रियों को अनुमति दे कर ट्रेनों के परिचालन को शुरु करने की बात कही जा रही है. बरहाल जो भी फैसला रेलवे लेगी उसे केंद्र सरकार की अनुमति के बाद ही अमल में लाया जायेगा
आज दिल्ली में रेल मंत्रालय और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है. उम्मीद की जा रही है की इस बैठक में ट्रेनों के परिचालन को फिर से शुरु करने को लेकर कुछ अहम् फैसले लिए जा सकते हैं. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए 38 दिन पहले यानि 22 मार्च से ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई थी. मौजूदा परिस्थिति की गंभीरता को देखते हुए ऐसा किया गया था. अब जब 3 मई को देश लॉकडाउन खुलने की उम्मीद कर रहा है तो इन सुविधाओं को फिर से बहाल करना रेलवे के लिए एक बड़ी चुनौती होगी.लॉक डाउन के बावजूद देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 30000 के आकड़े को पार कर गई है. हर रोज इस संख्या में इजाफा ही देखने को मिल रहा है. हालत बहुत अच्छे नहीं दिखाई पड़ रहे है. देश के कई राज्यों और जिलों को कोरोना ने जकड़ रखा है वही कुछ जिले ऐसे हैं जहां कोरोना के एक भी मरीज अब तक सामने नहीं आये हैं. इस हालत में ट्रेन सेवा किस तरह शुरु होगी इसका फैसला करना रेलवे के अधिकारियो के लिए आसन नहीं होगा.
14 अप्रैल को मुंबई में जो नजारा देखने को मिला वो दोबारा न हो इसका भी रेलवे को ध्यान रखना होगा. कई राज्यों ने प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं, इनको वापस अपने राज्य भेजने केलिए कई राज्य रेलवे से स्पेशल ट्रेनें चलाने की मांग कर रहे हैं. दूसरी तरफ रेलवे के पास ऐसी भी सलाह आई है कि जब भी ट्रेनों को चलाया जाए तो इसमें AC कोच न हो ताकि संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके. फ़िलहाल रेलवे ने किसी भी तारीख के लिए टिकटों के बुकिंग पर रोक लगा रखी है. शुरूआती दिनों में सिमित संख्या में यात्रियों को अनुमति दे कर ट्रेनों के परिचालन को शुरु करने की बात कही जा रही है. बरहाल जो भी फैसला रेलवे लेगी उसे केंद्र सरकार की अनुमति के बाद ही अमल में लाया जायेगा।
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