गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में 10%आरक्षण के मुद्दे पर लोकसभा में करीब पांच घंटे तक जोरदार बहस हुई। सदन में 323सांसदों ने बिल के समर्थन में मतदान किया जबकि 3वोट विपक्ष में डाले गए। सामाजिक कल्याण मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि इस विषय पर ऐतिहासिक कदम उठाने की जरूरत थी। लोकसभा में वोटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहे।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण के साथ भेदभाव नहीं किया जा रहा है। मोदी सरकार ने मंगलवार को आर्थिक रूप से पिछड़े ऊंची जातियों के लोगों को 10%अतिरिक्त आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया गया था। लोकसभा में इस बिल पर मुहर लगने के बाद इसे कल यानी बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। बिल के पास होते ही पूरा सदन भारत माता के जयकारों से गूंज उठा।
कैबिनेट ने ईसाइयों और मुस्लिमों समेत अनरिजर्वड कटैगरी के लोगों को नौकरियों और शिक्षा में 10% आरक्षण देने का फैसला लिया। इसका फायदा 8 लाख रुपए सालाना आय सीमा और करीब 5 एकड़ भूमि की जोत वाले गरीब सवर्णो को मिलेगा।
|