आखिरकार देश की पहली मेक इन इंडिया ट्रेन ट्रैक पर उतर गई है. आज सुबह अत्याधुनिक तकनीक से लैस T-18ट्रेन मुरादाबाद यार्ड से नजीबाबाद के लिए रवाना हो गई. आरडीएसओ की टीम और चेन्नई से आई इंजीनियरिंग टीम ट्रेन में संयंत्र लगाकर रवाना हुई है. आज पहले चरण में ट्रेन 30की स्पीड से चलेगी, उसके बाद 60फिर 90किमी प्रति घंटा और 130किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेगी. ट्रेन के साथ आए सीनियर इंजीनियर एल नरसिम्हा ने बताया कि ट्रेन ट्रायल के लिए तैयार है. इसमें बिल्कुल नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यात्रियों को काफी सहूलियत होगी. हर कोच में वाईफाई और स्क्रीन के साथ ऑडियो सिस्टम भी लगा है. साथ ही, एक्सक्यूटिव कोच में ऑटोमैटिक सीट है, जो 360डिग्री पर घूम सकेगी. अभी ट्रेन को ट्रायल पर परखा जा रहा है. मंगलवार से ट्रेन का अधिकृत ट्रायल शुरू होगा.
इससे पहले, डीआरएम अजय कुमार सिंघल ने बताया कि ट्रायल की सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं. इस ट्रेन को चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्टरी (ICF) में तैयार किया गया है. टी-18फिलहाल रेलवे के शोध संस्थान RDSO के अधीन है और आरडीएसओ के अधिकारी ही आधुनिक मशीनों व तकनीक के माध्यम से इस गाड़ी का परीक्षण करेंगे. ट्रेन को पहले 30किलोमीटर प्रति घंटा, 60, 90और फिर 130किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रायल लिया जाएगा. इसमें यात्रियों की सहूलियत के लिए वाई-फाई, मनोरंजन के साधन के साथ ही इसकी सीट 360डिग्री पर घूम सकेगी. दरवाजे ऑटोमैटिक हैं, जो ट्रेन चलने और रुकने पर बंद और खुलेंगे. यही नहीं, ट्रेन के अंदर और बाहर सीसीटीवी भी लगे हैं.
ट्रेन-18 का पहला ट्रायल मुरादाबाद से सहारनपुर के बीच पहले से चिन्हित करीब 100 किलोमीटर के ट्रैक पर होगा. रेलवे अधिकारियों ने बताया कि टी-18 में यात्रियों की जगह पर रेत भरी बोरियां रख कर ट्रायल होगा. इस रूट पर यह जांचा जाएगा कि T18 तेज गति पर किस तरह प्रतिक्रिया करती है. वहीं, 160 किमी की गति पर इस गाड़ी में ब्रेक लगाने पर गाड़ी कितनी दूरी पर जाकर रुकती है. इन सभी तकनीकी पहलुओं की जांच के बाद ही इस गाड़ी को कमिश्नर रेलवे सेफ्टी के पास अनुमति के लिए भेजा जाएगा.
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