केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य के लिए 328 फिक्सड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाओं की बिक्री और वितरण पर बुधवार तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। इन दवाओं में सर्दी-खांसी और मधुमेह में इस्तेमाल की जाने वाली कई दवाएं शामिल हैं, जिन्हें सेहत के लिए नुकसानदेह माना गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, दवा तकनीकी सलाहकार बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर इन दवाओं की बिक्री पर रोक लगाई गई है। बोर्ड ने एफडीसी दवाओं पर सौंपी गई रिपोर्ट में कहा था कि इन 328 एफडीसी में निहित सामग्री का कोई चिकित्सकीय औचित्य नहीं है। इनसे मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है। बोर्ड ने सिफारिश की थी कि औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 26ए के तहत व्यापक जनहित में इन एफडीसी के उत्पादन, बिक्री तथा वितरण पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है।
इसके अलावा छह अन्य एफडीसी दवाओं के बारे में बोर्ड ने अनुशंसा की थी कि इनके चिकित्सकीय औचित्य के आधार पर कुछ शर्तों के साथ इनके उत्पादन, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। इस बीच, दवा विक्रेताओं ने बताया कि प्रतिबंधित दवाओं की सूची में कई खांसी की मशहूर दवाएं हैं, जिनकी सूची उन्हें मिल गई है। फैसला तत्काल प्रभाव से लागू होने की वजह कंपनियों को बाजार में मौजूद दवाओं को वापस लेना होगा। गौरतलब है कि फिक्सड डोज कॉम्बिनेशन दो या इससे अधिक दवाओं का निश्चित मेल होता है।
केंद्र सरकार ने मार्च 2016 में भी 349 एफडीसी दवाओं की बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी थी, जिसके खिलाफ दवा कंपनियां हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट गई थी। दिसंबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आए आदेश के बाद दवा तकनीकी सलाहकार बोर्ड ने मामले की समीक्षा की और केंद्र को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
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