इंडियन होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन की केरल इकाई निपाह वायरस के इलाज के लिए दवा तैयार करने का दावा किया है। ऐसे में संगठन ने अब स्वास्थ्य विभाग से निपाह वायरस के पॉजीटिव मरीजों का इलाज करने की अनुमति मांगी है। संगठन के अधिकारी बी। उन्नीकृष्णन ने कहा कि होम्योपैथिक सभी तरह के बुखार के लिए उचित दवा है और उन्हें संक्रमित मरीजों का इलाज करने की अनुमति दी जानी चाहिए। एसोसिएशन ने राज्य स्वास्थ्य मंत्री के। के। शैलजा से अनुरोध किया है कि उनके पेशेवरों को उन सभी मरीजों की जांच करने की इजाजत दी जाए, जो निपाह वायरस की जांच में पॉजीटिव पाए गए हैं। लेकिन स्वास्थ्य सचिव राजीव सदानंदन ने रविवार को मीडिया को बताया कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि होम्योपैथिक विभाग सीधे मेरे अधीन काम करता है और अब तक किसी ने मुझसे या विभाग से संपर्क नहीं किया है। हमें इसमें कोई समस्या नहीं है। सदानंदन ने कहा कि निपाह वायरस की जांच के लिए अभी तक 196 नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है जिनमें 18 पॉजीटिव मामलों में से चार संक्रमित थे। हालांकि, उनका सीधे तौर से मरीजों से कभी कोई संपर्क नहीं रहा। गौरतलब है कि अब तक निपाह से 16 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि दो की हालत में सुधार हो रहा है। संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए लगभग 2 हजार लोगों को निगरानी में रखा जा रहा है।
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