वैज्ञानिकों ने पाया है कि कभी-कभी आयरन का सेवन करने से शरीर में मलेरिया संक्रमण को बढ़ावा मिल सकता है। मलेरिया से पीड़ित मरीजों और चूहों पर किए गए संयुक्त अध्ययन में पाया गया कि आयरन शरीर के अंदर फेररोपोर्थिन नामक प्रोटीन की मात्रा को प्रभावित करता है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के अध्ययनकर्ताओं के अनुसार ये शोध मलेरिया का इलाज करने की प्रक्रिया को और मजबूत बनाएगा। आपको बता दें कि साल 2016 में दुनियाभर में 21 करोड़ 60 लाख लोग मलेरिया संक्रमण के शिकार बने।
एनआईएच की एक वरिष्ठ अधिकारी ट्रेसी रोआल्ट ने बताया कि, हमारा अध्य्यन एक पुराने रहस्य से पर्दा उठाता है। आयरन सप्पलीमेंट लेने से मलेरिया संक्रमण बढ़ सकता है और इसके उल्टा कुछ मामलों में मलेरिया के शिकार मरीजों में आयरन की कमी फायदेमंद साबित होती है।
फेररोपोर्थिन प्रोटीन लाल रक्त कोशिकाओं के अंदर आयरन के विषाक्त कणों के इकट्ठा होने और इन कोशिकाओं को मलेरिया संक्रमण से बचाने का कार्य करता है। क्योंकि ये प्रोटीन लाल रक्त कोशिकाओं में अतिरिक्त आयरन को खत्म कर देता है, जिसे मलेरिया के कीटाणु पोषण पाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
अध्ययन
शोध में पाया गया कि जिन चूहों में फेररोपोर्थिन प्रोटीन की कमी थी, उनमें लाल रक्त कोशिकाओं के अंदर आयरन की हानिकारक मात्रा इकट्ठा होने लगती है। जिससे कोशिकाओं का जीवनकाल कम होने लगता है। इसके साथ ही इन चूहों के मलेरिया से संक्रमित होने के बाद मलेरिया के कीटाणु ज्यादा बढ़ते हैं। क्योंकि इनमें फेररोपोर्थिन प्रोटीन की मात्रा बहुत कम होती है।
एजेंसी
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