समय न्यूज़ 24 डेस्क
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से जुड़े फैसले को असंवेदनशील करार दिया हैl सोनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि कोरोना महामारी के समय लोगों की परेशानी को बढ़ाने वाली इस बढ़ोतरी को वापस लिया जाएl
बता दें कि, प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाकर 2,60,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटाने का प्रयास कर रही हैl लेकिन जब प्रधानमंत्री देश के लोगों के आत्मनिर्भर होने की उम्मीद करते हैं तो ऐसे संकट के समय लोगों पर वित्तीय बोझ डालना उचित नहीं हैl इसके साथ ही सरकार पर आरोप लगाया गया है कि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत रेकॉर्ड स्तर तक गिरने के बावजूद 6 सालों में लोगों को इसका लाभ कभी नहीं दिया गया।सोनिया का पीएम को खतः कहा इस फैसले को तुरंत लें वापससोनिया ने कहा, मौजूदा कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के दौरान भारत को स्वास्थ्य संबंधी, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। मुझे इस बात की पीड़ा है कि, ऐसे मुश्किल समय में सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाने का असंवेदनशील निर्णय लिया।
उनके मुताबिक ऐसे समय सरकार के इस फैसले का कोई औचित्य समझ नहीं आता जब देश के करोड़ों लोगों की नौकरियां चली गई हैं, उनके सामने जीविका का संकट खड़ा है, छोटे, मध्यम एवं बड़े कारोबार बंद हो रहे हैं और किसानों को भी इस मुश्किल घडी का सामना करना पड़ रहा है।
पत्र में सोनिया लिखती हैं कि, मार्च से अबतक अलग-अलग मौकों पर 10 बार पेट्रोल और डीजल के रेट बढ़ा दिए गए हैं जो कि किसी भी तरह से जायज नहीं हैं। सोनिया आगे लिखती हैं कि कोरोना के इस दौर में लोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, नौकरियां जा रही हैं ऐसे में यह वृद्धि बिल्कुल नहीं होनी चाहिए
उन्होंने लिखा गया है कि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत पिछले हफ्ते 9 प्रतिशत तक कम हुई फिर भी लोगों को इसका फायदा नहीं दिया गया। पिछले 6 सालों में कच्चे तेल की कीमत में रेकॉर्ड गिरावट के बावजूद एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर तेल के दाम बढ़ाए गए।
गौरतलब है कि, तेल कंपनियों द्वारा मंगलवार को पेट्रोल का दाम 47 पैसे और डीजल का दाम 93 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दिया गया। यही नहीं एटीएफ यानी विमान ईंधन के दाम में भी 16.3 प्रतिशत की वृद्धि की गई।
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