देश आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 94वीं जयंती मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके समाधि स्थल 'सदैव अटल' जाकर श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी मौजूद थे। अटलजी के समाधि स्थल पर गायक पंकज उधास का भजन कार्यक्रम भी रखा गया था। अटलजी का निधन 16 अगस्त को हुआ था। अटल स्मृति न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा ने भास्कर से बातचीत में बताया कि समाधि निर्माण में अटल जी के पर्यावरण प्रेम को ध्यान में रखा गया। इस तरह से समाधि बनाई गई है कि एक भी पेड़ काटने की जरूरत नहीं पड़ी।
राष्ट्रीय स्मृति स्थल कॉम्प्लेक्स में पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, आर वेंकटरमण, शंकर दयाल शर्मा, केआर नारायण, पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजराल, पीवी नरसिंह राव, चंद्र शेखर की समाधियां हैं। यह स्थल 7 एकड़ में फैला है, जिसमें अटलजी की समाधि स्थल के लिए 1.5 एकड़ जमीन दी गई।
सदैव अटल समाधि निर्माण में भव्यता का भी ध्यान रखा गया है। निर्माण में लाइटिंग का इस्तेमाल किया गया है। समाधि पर कमल के फूल आकार में एक पारदर्शी पत्थर लगाया गया है, जिसमें रात को लाइट ज्योति की तरह दिखाई देती है। समाधि के चारों तरफ 8 दीवारें हैं, जिस पर, मौत की उम्र क्या? दो पल भी नहीं, जिंदगी-सिलसिला, मैं जी भर जिया जैसी अटलजी की कविताएं लिखीं हुई हैं।
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