बीजेपी की रथ यात्रा के प्लान को मंजूरी नहीं मिल पाई है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने बीजेपी को रथ यात्रा की इजाजत नहीं दी है। कूचबिहार में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की रथ यात्रा होनी थी। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने इसको लेकर आपत्ति जताई थी और कहा था कि इससे राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है। मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी को की जाएगी।
अदालत ने बीजेपी के सभी जिला अध्यक्षों की दलीलें सुनने के बाद निर्देश दिया कि पश्चिम बंगाल में सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक पार्टी द्वारा ‘रथ यात्रा’ आयोजित करने पर उसे 21 दिसंबर तक एक रिपोर्ट सौंपें। बीजेपी का विभिन्न हिस्सों से और सभी 42 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों तक तीन ‘रथ यात्रा’ करने का कार्यक्रम है। रैली करने की उसकी अर्जियों पर कोई जवाब ना मिलने के बाद बीजेपी ने अदालत का रुख करते हुए रैलियों के लिए अनुमति देने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की थी।बीजेपी का सात दिसंबर से उत्तर में कूचबिहार से अभियान शुरू करने का कार्यक्रम है। इसके बाद नौ दिसंबर को दक्षिण 24 परगना जिला और 14 दिसंबर को बीरभूमि जिले में तारापीठ मंदिर से बीजेपी का रथ यात्रा शुरू करने का कार्यक्रम है।
राज्य सरकार के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने अदालत को बताया कि कूचबिहार के पुलिस अधीक्षक ने शुक्रवार से बीजेपी अध्यक्ष की प्रस्तावित रथ यात्रा को अनुमति देने से इनकार कर दिया है। राज्य सरकार ने कहा है कि इस यात्रा से सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता है। दत्ता ने कहा कि जिले में सांप्रदायिक मुद्दों का एक इतिहास रहा है और ऐसी सूचना है कि सांप्रदायिकता को उकसाने वाले कुछ लोग और उपद्रवी तत्व वहां सक्रिय हैं।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) द्वारा अनुमति देने से इनकार करने संबंधी पत्र में उल्लेख किया गया है कि बीजेपी के कई शीर्ष नेताओं के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी लोग कूचबिहार आएंगे। पत्र में जोर दिया गया है कि इससे जिले की सांप्रदायिक संवेदनशीलता प्रभावित हो सकती है। जमीनी स्थिति को देखते हुये अनुमति देने से इनकार करने को एक प्रशासनिक निर्णय बताते हुये एजी ने कहा कि इसके संवेदनशील प्रकृति के कारण आंशका का ब्यौरा खुले अदालत में नहीं दिया जा सकता। एजी ने कहा कि अगर निर्देश दिया जाता है तो वह एक सीलबंद लिफाफे में अदालत को यह सौंप सकते हैं।
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