फाइल फोटो
प्रयागराज - अक्सर विवादों में रहने वाली मुंबई की चर्चित धर्मगुरु राधे मां उर्फ सुखविंदर कौर की प्रयागराज में लगने जा रहे कुंभ मेले से पहले जूना अखाड़े में वापसी हो गई है। जानकारी के मुताबिक, भक्तों की गोद में बैठकर अश्लील डांस करने के मामले में राधे मां ने लिखित माफी मांगी है और भविष्य में दोबारा इस तरह की हरकत नहीं करने की बात कही है। इसी आधार पर जूना अखाड़े में उनकी दोबारा एंट्री हुई है।जूना अखाड़े ने न सिर्फ राधे मां का निलंबन रद्द कर उन्हें बहाल कर दिया है, बल्कि उनकी महामंडलेश्वर की पदवी भी वापस कर दी है। अखाड़े में बहाली और महामंडलेश्वर की पदवी वापस होने के बाद राधे मां अब न सिर्फ इसी महीने की 25 तारीख को प्रयागराज कुंभ मेले में होने वाली जूना अखाड़े की पेशवाई में शामिल हो सकेंगी, बल्कि कुंभ के तीनों शाही स्नान में भी अखाड़े की शोभा बढ़ाएंगी।
'राधे मां के खिलाफ गंभीर आरोप नहीं'
जूना अखाड़े ने कुंभ में महामंडलेश्वर के तौर पर राधे मां को जमीन और दूसरी सुविधाएं भी मुहैया कराने का फैसला लिया है। राधे मां की बहाली का फैसला इसलिए थोड़ा हैरान करने वाला है क्योंकि पिछले साल अखाड़ा परिषद ने उनका नाम फर्जी बाबाओं की लिस्ट में डाला था। राधे मां का निलंबन रद्द करने, उन्हें अखाड़े में बहाल करने और महामंडलेश्वर की पदवी वापस देने का फैसला कुछ दिनों पहले ही जूना अखाड़े की बैठक में लिया गया, जिसकी औपचारिक घोषणा रविवार को प्रयागराज में अखाड़े के संरक्षक महंत हरिगिरि ने की। महंत हरिगिरि ने बताया कि राधे मां के खिलाफ अखाड़े की कई टीमों ने जांच की थी लेकिन किसी में भी उनके खिलाफ कोई गंभीर आरोप नहीं पाए गए। इतना ही नहीं उनके खिलाफ कोई क्रिमिनल केस भी अब पेंडिंग नहीं है।
पायलट बाबा की भी घर वापसी
गौरतलब है कि राधे मां को प्रयागराज में ही छह साल पहले लगे कुंभ मेले से ठीक पहले निलंबित किया गया था। राधे मां के अलावा जूना अखाड़े ने पायलट बाबा की भी घर वापसी कराते हुए उनका निलंबन रद्द कर दिया। अब उन्हें अखाड़े ने बहाल करते हुए महामंडलेश्वर की पदवी वापस कर दी है। राधे मां की तरह अब पायलट बाबा भी कुंभ मेले में जूना अखाड़े की पेशवाई व शाही स्नान का हिस्सा बनेंगे। उन्हें भी अखाड़े से ज़मीन व दूसरी सुविधाएं मिलेंगी।
पायलट बाबा ने भी अखाड़े से लिखित तौर पर माफी मांगी थी। हरिद्वार में पायलट बाबा के जुलूस में भगदड़ मच गई थी, जबकि प्रयागराज के कुंभ में उन्होंने महामंडलेश्वरों की परिषद बनाने की पहल कर अखाड़े को नाराज किया था। हालांकि, राधे मां और पायलट बाबा के मुद्दे पर अखाड़ा परिषद ने अभी कोई फैसला नहीं किया है।
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