वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट में किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अपना खाजाना खोल दिया है. हालांकि मध्यम वर्ग के लिए इस बजट में कुछ खास नहीं मिला है. इसके उलट बजट ने उसकी चिंताएं बढ़ा दी हैं.बजट के बाद आम आदमी के घर का बजट गड़बड़ाने की आशंका पैदा हो गई है. इसकी वजह है आयकर के मोर्चे पर राहत न मिलना और महंगाई बढ़ने की आशंका. आइए जानते हैं कैसे देश के आम बजट ने आपका खर्च बढ़ाने का काम किया है. इसके साथ ही जानिए कहां-कहां आपको ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है.आम बजट में सरकार ने किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए एग्री उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में डेढ़ गुना इजाफा करने का फैसला लिया है. आर्थिक जानकारों का दावा है कि इस फैसले से देश में महंगाई को दस्तक देने से कोई नहीं रोक सकता.
बजट में सरकार ने मोबाइल फोन समेत आयात किए जाने वाले अन्य कई उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी है. इसेटीवी के कुछ पार्ट्स पर 15 फीसदी किया गया है. वहीं, मोबाइल पर यह 20 फीसदी कर दिया गया है. कस्टम ड्यूटी बढ़ने का नुकसान आम आदमी को झेलना पड़ सकता है.दरअसल कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी होने से भारत में आयात करने वाली कंपनियों की लागत बढ़ जाती है. कंपनियां इस लागत का भारत आम आदमी पर डालती है. इसका नुकसान ये होगा कि आपके लिए टीवी-फ्रिज और मोबाइल फोन समेत अन्य होम एप्लायंसेज खरीदना महंगा हो सकता है.
मौजूदा समय में आपको आपकी इनकम के मुताबिक 5से 30फीसदी तक टैक्स चुकाना पड़ता है. वित्त वर्ष 2018-19के लिए अगर आपकी इनकम 2.5लाख रुपये तक है, तो कोई टैक्स नहीं देना होगा. 2.5से 5लाख पर 5फीसदी, 5लाख-10लाख पर 20फीसदी और 10लाख से अधिक पर आपको 30फीसदी टैक्स देना पड़ता है. अगर आपकी उम्र 60साल से ज्यादा है और 80साल से कम है, तो आपके लिए अन्य के मुकाबले टैक्स रेट अलग हैं. इसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं. इनके लिए 3लाख तक कोई टैक्स नहीं. 3से 5लाख पर 5फीसदी, 5से 10लाख पर 20और 10लाख से अधिक पर आपको 30फीसदी टैक्स देना पड़ेगा.
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