पाकिस्तानी राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने एक उस अध्यादेश पर दस्तखत किए हैं जिसका मकसद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों और लश्कर-ए-तैयबा, अल-कायदा व तालिबान जैसे संगठनों पर शिकंजा कसना है। पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यूनकी रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह अध्यादेश मुख्य रूप से आतंकवाद निरोधक अधिनियम (एटीए) की एक धारा में संशोधन करता है। इसके साथ ही यह पाकिस्तानी अधिकारियों को यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित किए गए लोगों और आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने एवं उनके कार्यालयों, बैंक खातों को सील करने का अधिकार देता है। राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण (एनएसीटीए) के सूत्रों ने इस कदम की पुष्टि की। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के गृह मंत्री, वित्त मंत्री और विदेश मंत्री के साथ एनएसीटीए की आतंकवाद वित्त पोषण विरोधी (सीएफटी) इकाई इस मसले पर एक साथ मिलकर काम कर रही है। राष्ट्रपति भवन के एक अधिकारी ने भी इस कदम की पुष्टि की। हालांकि उन्होंने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि रक्षा मंत्रालय ही इसे अधिसूचित करेगा और इस पर जवाब देगा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित सूची में अल-कायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाक, लश्कर-ए-झांगवी, जमात-उद-दावा, फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ), लश्कर-ए-तैयबा सहित अन्य संगठन शामिल हैं।
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