मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। कमलनाथ को विधायक दल का नेता चुने गए हैं। दिनभर चली रस्साकसी के बाद देर रात उनके नाम का ऐलान किया गया। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट के जरिये यह जानकारी दी। 17दिसम्बर को वह सीएम पद की शपथ लेंगे। उनके साथ 20मंत्रियों के भी शपथ लेने की संभावना है। कमलनाथ छिंदवाड़ा से नौ बार के सांसद रहे हैं। उन्हें चुनाव से ऐन वक्त पहले कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था।
सीएम चुने जाने के बाद कमलनाथ ने कहा कि सीएम पद मेरे लिए मील का पत्थर है। समर्थन के लिए ज्योतिरादित्य का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने स्वीकार किया कि आगे आना वक्त चुनौती भरा है। कमलनाथ ने ये भी कहा, "हम सब मिलकर वादों को पूरा करेंगे। मुझे सीएम पद के लिए भूख नहीं है। कोई मांग नहीं थी।" इससे पहले गुरुवार शाम कमलनाथ ने राहुल के आवास के बाहर पत्रकारों से कहा, "मैं भोपाल जा रहा हूं। विधायक दल की बैठक होगी और उसके बाद आप सबको निर्णय का पता चल जाएगा।" मुख्यमंत्री पद के एक अन्य दावेदार माने जा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी राहुल से मुलाकात की थी और कहा था कि निर्णय की घोषणा गुरुवार रात की जाएगी।
उन्होंने कहा, "यह रेस नहीं है, यह कुर्सी के बारे में नहीं है। हम यहां मध्यप्रदेश के लोगों की सेवा करने के लिए हैं। मैं भोपाल जा रहा हूं और आपको आज (गुरुवार को) ही निर्णय की जानकारी मिल जाएगी।" विधानसभा चुनाव में राज्य की 230 सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिली है वहीं भाजपा को 109 सीट पर जीत मिली है। बसपा को दो और सपा को एक सीट मिली है।
यह पद मेरे लिये मील का पत्थर- कमलनाथ
नए सीएम के तौर पर नाम की घोषणा के बाद कमलनाथ ने कहा, "यह पद मेरे लिये मील का पत्थर है। ज्योतिरदित्य का धन्यवाद जिन्होंने मेरा समर्थन किया। इनके पिताजी के साथ मैंने काम किया है इसलिए इनके समर्थन मिलने से मुझे खुशी हो रही है। अब हमारे सामने कई चुनौतियां हैं, हम सब मिलकर हमारा वचन पत्र पूरा करेंगे। मुझे पद की कोई भूख नहीं है। मेरी कोई मांग नहीं थी। मैंने अपना पूरा जीवन बिना किसी पद की भूख के कांग्रेस पार्टी को समर्पित किया। मैंने संजय गांधी, इंदिरा, राजीव के साथ काम किया है और अब राहुल गांधी के साथ काम कर रहा हूं।अब कांग्रेस द्वारा किए गए सभी वादे पूरे किए जाएंगे।
|