रांची । कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों में अब मेडिकल अनफिट के प्रावधान के तहत नौकरी नहीं मिलेगी। कामगारों की मृत्यु होने पर ही आश्रितों को नौकरी दी जाएगी। इस बाबत कोल इंडिया प्रबंधन ने आदेश जारी कर दिया है। ऐसे में गंभीर बीमारी से ग्रस्त हजारों कामगारों के आश्रितों की नौकरी पर ग्रहण लग गया है।कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक आरपी श्रीवास्तव ने 23नवंबर को आश्रितों को नौकरी देने संबंधी आदेश (आईआई 18) जारी किया है। इसमें कहा गया है कि 9.3.0प्रावधान पहले की तरह ही लागू रहेगा। इसके तहत मृतक कामगारों के आश्रितों को कैटेगरी-1 (ट्रेनी) में नौकरी दी जाएगी। आदेश जारी होने के बाद लंबित मामलों का निपटारा शुरू हो जाएगा।
जानकारी हो कि आश्रितों को नौकरी देने के मामले में कोल इंडिया ने उप समिति का गठन किया था। समिति की बैठक में कोल इंडिया ने सिर्फ खदान दुर्घटना में मृत्यु होने पर नौकरी देने का प्रस्ताव रखा था। इसे श्रमिक संगठन के प्रतिनिधियों ने खारिज कर दिया था। उनका कहना था मौत का विभाजन सही नहीं है। यूनियन के प्रतिनिधि पहले से चले आ रहे प्रावधान को ही जारी रखने की मांग रखी थी।
जानकारी के मुताबिक कोल इंडिया ने मेडिकल अनफिट (9.4.0और 9.5.0) के प्रावधान के तहत नौकरी को खत्म कर दिया है। कामगारों को अपंगता की स्थिति में भी नौकरी नहीं दी जाएगी। दी झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के महासचिव सनत मुखर्जी ने इसे प्रबंधन का आमनवीय कदम बताया है। उन्होंने कहा कि खदान में काम करने वाले कामगार गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो जाते हैं। कई बार उनका जीवन बेड पर ही कटता है। ऐसी स्थिति में इस प्रावधान को समाप्त करना अनुचित है। इसे भी 9.3.0की तरह चालू रखना चाहिए।
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