सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में याचिका पर जल्द सुनवाई करने से साफ इंकार कर दिया। अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने इस संबंध में अर्जी दायर की थी। दरअसल, अखिल भारत हिन्दू महासभा की ओर से वकील वरुण सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या मामले की जल्द सुनवाई की मांग की थी, जिस पर CJI रंजन गोगोई ने जल्द सुनवाई से इंकार कर दिया।
उल्लेखनीय है कि अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बीते 29 अक्टूबर को हुई अहम सुनवाई टल गई। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसफ की बेंच ने इस मामले को अगले साल जनवरी के लिए टाल दिया था। सुप्रीम कोर्ट अब जनवरी में मामले की सुनवाई की अगली तारीख तय करेगा। उस दिन यह भी तय होगा कि सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ही मामले की सुनवाई करेगी या इसके लिए कोई नई बेंच का गठन किया जाएगा।
पिछली सुनवाई में तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के साथ जस्टिस अशोक भूषण और अब्दुल नजीर मामले को सुन रहे थे। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के रिटायर होने के बाद सोमवार को हुई सुनवाई में तीनों जज पहले से अलग रहे। पिछली सुनवाई में ही सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्षों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने 1994 के इस्माइल फारुकी के फैसले में पुनर्विचार के लिए मामले को संविधान पीठ भेजने से इंकार कर दिया था। मुस्लिम पक्षों ने नमाज के लिए मस्जिद को इस्लाम का जरूरी हिस्सा न बताने वाले इस्माइल फारुकी के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की थी।
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