बेंगलुरु: बीजेपी के विरोध के बावजूद कर्नाटक में आज टीपू सुल्तान जयंती मनाई जा रही है।विरोध प्रदर्शन के हंगामा को देखते हुए राज्य सरकार ने हुबली, धारवाड़ और शिवमोग्गा सहित कर्नाटक के कई शहरों धारा 144 लागू कर दिया है।इसके साथ ही कड़ी सुरक्षा का बंदोबस्त करते हुए, हर साल की तरह कई इलाको में धूमधाम से जयंती मनाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
फोटो (ANI)
इस विरोध प्रदर्शन में बीजेपी के साथ-साथ कोडाना नेशनल काउंसिल समेत कुछ अन्य पार्टियों ने मडिकेरी के इलाके में जमकर हंगामा किया जिसके चलते पार्टी ने इलाके को बंद घोषित कर दिया है।इसके साथ ही कई जगहों पर पुलिस ने प्रदर्शनकरियों को हिरासत में ले लिया है।
टीपू जयंती कार्यक्रम में नहीं आए सीएम, डिप्टी सीएम
इसी बिच मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण वे जयंती उत्सव में शामिल नहीं हो पाए।हालांकि उन्होंने लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज पूरे राज्य में टीपू सुल्तान की जयंती मनाई जा रही है।टीपू सुल्तान प्रशासनिक तौर पर प्रयोग करते रहते थे।
मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए बीजेपी के प्रवक्ता एस प्रकाश ने कहा कि कुमारस्वामी टीपू की जयंती के कार्यक्रम में भाग लेने से परहेज कर रहे हैं।उन्होंने दावा किया था कि टीपू कन्नड़ भाषा और हिंदू विरोधी था और फारसी को बढ़ावा देता था।जिसपर मुख्यमंत्री ने अपनी सफाई देते हुए कहा, डॉक्टरों ने मुझे आराम करने की सलाह दी है।इसीलिए मैं जयंती समारोहों में शामिल नहीं हो पाऊंगा. इसका दूसरा अर्थ निकालने की जरूरत नहीं है।मैं अंधविश्वास के खिलाफ हूं और जो लोग कह रहे हैं कि मैं सत्ता खोने के डर में टीपू सुल्तान की जयंती में शामिल नहीं हो रहा हूं वह बिल्कुल झूठी बात है।
इसके साथ ही पूर्व उपमुख्यमंत्री आर अशोक, बीवाई राघवेंद्र और एमएलसी रवि कुमार समेत कई भाजपा नेताओं ने धारा 144 लागू होने से एक दिन पहले अपने विरोध आंदोलन में हिस्सा लिया था, और आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने मुसलमानों को खुश करने के लिए हिंदुओं की भावनाओं को चोट पहुंचाने का काम किया है।उन्होंने कहा कि टीपू पर मौसूर के पास मेलुकोटे के कोडाणु और मंड्याम इयंगार में हजारों लोगों की हत्या का आरोप था।वह एक धार्मिक कट्टरपंथी था।
आपको बता दें कि, 2015 में कांग्रेस सरकार की अगुवाई में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 10 नवंबर को टीपू सुल्तान जयंती मनाने का ऐलान किया था और तब से ही बीजेपी इस निर्णय का विरोध कर रही है।
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