महाराष्ट्र के देवलाली में शुक्रवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सेना के बेड़े में एम-777 अल्ट्रालाइट होवित्जर तोप और के-9 वज्र तोप को आधिकारिक तौर पर शामिल किया है। इससे पहले रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने गुरुवार को कहा था कि के-9 वज्र तोप को 4,366 करोड़ रूपये की लागत से शामिल किया जा रहा है। यह कार्य नवंबर 2020 तक पूरा होगा।उन्होंने कहा था कि कुल 100 तोपों में से 10 तोपें प्रथम खेप के तहत इस महीने शामिल की जाएगी। अगली 40 तोपें नवंबर 2019 में और फिर 50 तोपों को नवंबर 2020 में शामिल किया जाएगा। के-9 वज्र तोप की प्रथम रेजीमेंट जुलाई 2019 तक पूरी होने की उम्मीद है। यह ऐसी पहली तोप है जिसे भारतीय निजी क्षेत्र ने बनाया है।
इस तोप की अधिकतम रेंज 28-38 किमी है। यह 30 सेकेंड में तीन गोले दागने में सक्षम है और यह तीन मिनट में 15 गोले दाग सकती है। थल सेना 145 एम 777 होवित्जरकी सात रेजीमेंट भी बनाने जा रही है। प्रवक्ता ने बताया कि सेना को इन तोपों की आपूर्ति अगस्त 2019 से शुरू हो जाएगी और यह पूरी प्रक्रिया 24 महीने में पूरी होगी। प्रथम रेजीमेंट अगले साल अक्टूबर तक पूरी होगी। इस तोप की रेंज 30 किमी तक है। इसे हेलीकॉप्टर या विमान के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है।
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