संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्तव पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के न सिर्फ एक एक सवाल का जवाब दिया, बल्कि इस दौरान खासतौर पर कांग्रेस पर तीखा सियासी हमला बोला।
संसद के दोनों सदनों में अलग-अलग करीब ढाई घंटे के भाषण के दौरान पीएम ने कहा कि देश कांग्रेस की पापों की सजा भुगत रहा है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेसमुक्त भारत का विचार उनका या भाजपा का नहीं बल्कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का था।
भाषण के दौरान बेहद हमलावर दिख रहे पीएम ने विपक्ष से पूछा कि वह आपातकाल वाला, बोफोर्स वाला या एक बड़ा पेड़ के गिरने पर सिखों के नरसंहार वाला भारत चाहता है। लोकसभा में पीएम के भाषण के दौरान कांग्रेस और वाम दलों के सदस्यों ने पूरे भाषण के दौरान जम कर नारेबाजी की।
लोकसभा में पीएम ने कहा कि उनकी सरकार और देश कांग्रेस की पापों की सजा भुगत रही है। उन्होंने कहा कि 82 फीसदी एनपीए और इस कारण बैंकों की खस्ता हालत के लिए कांग्रेस का पाप जिम्मेदार है। वर्तमान सरकार इस एनपीए के ब्याज का पाप ढोने पर मजबूर है। पीएम ने कहा कि यूपीए के कार्यकाल में बिचौलियों को लाभ पहुंचाने के लिए बैंको से गया पैसा वापस नहीं आया। लोकसभा के बाद पीएम राज्यसभा में भी हमलावर नजर आए। उन्होंने कहा कि कांग्रेसमुक्त भारत का विचार उनका या भाजपा का नहीं है। यह विचार तो आजादी मिलने के बाद खुद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश के सामने रखा था। इसी दौरान पीएम ने विपक्ष से पूछा कि उन्हें कैसा भारत चाहिए। आपातकाल वाला भारत जिसमें लोकतंत्र पर ताला लगाया गया या बोफोर्स वाला भारत, जिसमें देश की रक्षा में दलाली ली गई। या फिर ऐसा भारत जिसमें बड़ा पेड़ गिरने पर हजारों सिखों का कत्लेआम हुआ?
यूपीए कार्यकाल में महज 59 पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क स्थापित हुए तो हमारे शुरुआती तीन साल में ही एक लाख गांवों में नेटवर्क स्थापित किया गया। अक्षय ऊर्जा उत्पादन में यूपीए की 12000 मेगावाट की तुलना में 22000 मेगावाट उत्पादन हुआ। पीएम ने कहा कि कांग्रेस को समझना होगा कि छोटा मन से बड़ी बात नहीं हो सकती।
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