समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि वह अगले 23 मार्च से फिर से रामलीला मैदान में धरने पर बैठेंगे. उनका आंदोलन किसानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ होगा. हजारे ने कहा कि सरकार हमें जेल में डालना चाहे तो डाल दे हम जेल जाने से डरने वाले नहीं है. हम पहले दो बार जेल में गए तो महाराष्ट्र की सरकार गिर गई और एक बार मनमोहन सिंह की केंद्र में सरकार का पतन हो गया.
हजारे ने बजट में अरुण जेटली द्वारा किसानों को डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने की बात पर कटाक्ष करते हुए कहा उन्होंने कि उन्हें पहले नीति आयोग से बात करनी चाहिए थी, तभी इस बात को बजट में शामिल करना था. हजारे ने सरकार से मांग की है कि जो किसान 60 साल की उम्र पार कर चुका है और उसके घर में रोजगार के कोई साधन नहीं है तो उसे सरकार 5000 प्रतिमाह की पेंशन दे. 23 मार्च तक इस शर्त को सरकार इसे मान ले तो आंदोलन नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सरकार जब उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर सकती है, तो फिर खून पसीना बहाने वाले किसानों का कर्जा माफ करने में उन्हें क्या परेशानी है?
लोकपाल आंदोलन का चेहरा रहे हजारे ने कहा कि उन्होंने आंदोलन शुरू करने के लिए 23 मार्च की तारीख चुनी है, क्योंकि उस दिन शहीद दिवसमनाया जाता है.
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