मंदसौर में दरिंदों की हैवानियत का शिकार हुई सात वर्षीय नाबालिग के पिता ने मध्य प्रदेश सरकार की पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद को ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे मुआवजा नहीं चाहिए, मैं केवल दरिंदों को फांसी पर लटकते हुए देखना चाहता हूं। वहीं मंदसौर में आम लोगों का आक्रोश बरकरार है। लोग आरोपियों इरफान और आसिफ को फांसी देने की मांग कर रहे हैं। लोगों ने रविवार को दोनों आरोपियों के पुतले बनाकर उन्हें फांसी दी।
इस बीच पीड़िता बच्ची की हालत में सुधार हो रहा है। रविवार को उसका हेल्थ बुलेटिन जारी किया गया। अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि इंफेक्शन नहीं हो, इसलिए माता-पिता और परिजनों के अलावा पीड़िता से कोई और नहीं मिल पाएगा। इस बारे में नेताओं और जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया गया है।
डॉक्टरों के अनुसार, पीड़िता होश में है और बात भी करती है। बता दें कि तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची बुधवार को स्कूल से करीब सात सौ मीटर दूर झाड़ियों में घायल अवस्था में मिली थी। फिलहाल दोनों आरोपी इरफान और आसिफ पुलिस रिमांड पर हैं।
पीड़िता बच्ची के बयान का इंतजार : पुलिस
मंदसौर के एसपी मनोज सिंह ने कहा है कि अदालत में आरोप पत्र पेश करने से पहले पीड़िता के बयान की प्रतीक्षा की जा रही है। उन्होंने इस खबर को बेबुनियाद बताया है कि इस मामले में कोई तीसरा आरोपी भी था। उन्होंने आरोपियों के एचआईवी टेस्ट कराने की बात भी कही है।
आरोपी आसिफ की मां ने सीबीआई जांच की मांग की
आरोपी आसिफ की मां ने सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि मेरा विश्वास है कि आसिफ निर्दोष है। सीबीआई जांच में यदि मेरा बेटा दोषी पाया जाता है कि तो उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
जब तक दरिंदों को फांसी नहीं दी जाती चैन नहीं : शिवराज
हरिद्वार पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब तक दोषियों को फांसी नहीं दे दी जाती तब तक मैं चैन से नहीं बैठूंगा। पीड़िता मेरी बेटी जैसी है। मैं दिन में कई बार उसकी सेहत के बारे में जानकारी लेता हूं।
खून से सना चाकू बरामद
मंदसौर के एसपी (सिटी) राकेश मोहन शुक्ला ने रविवार को बताया कि आरोपियों के डीएनए सेंपल परीक्षण के लिए भेजे गए हैं और खून से सना हुआ चाकू, पीड़िता का स्कूल बैग सहित अन्य चीजें बरामद कर लीगई हैं।
तेजी से जांच के लिए एसआईटी गठित
राकेश मोहन शुक्ला के मुताबिक, मामले की तेजी से जांच पूरी करने के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मामले की 70 फीसदी जांच पूरी कर ली गई है।
पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की मदद
मंदसौर के जिला कलेक्टर ओ. पी. श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्री के विवेकाधीन कोष से शनिवार को पांच लाख रुपये पीड़िता के पिता के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिए गए ताकि परिवार को तात्कालिक आर्थिक मदद मिल सके। सहायता राशि के तौर पर पांच लाख रुपये की दूसरी किस्त सोमवार को जमा कर दी जाएगी।
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