पंचकूला, [वाई एन सीं]। गुरमीत राम रहीम की गोद ली बेटी हनीप्रीत की महिला होने के नाते रियायत और राहत की दलील काम नहीं आई। उसने पंचकूला के सेशन कोर्ट में जमानत अर्जी देकर महिला होने के नाते रियायत देने की गुहार लगाई थी। अदालत ने बृहस्पतिवार को उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी। इससे जले से बाहर आने की हनीप्रीत की कोशिश को कड़ा झटका लगा है।
वह खुद के महिला होने और 245दिनों से जेल मेंं बंद हाेने की बात कहते हुए अदालत में जमानत अर्जी दी थी। उसने यहां अदालत में दी याचिका में कहा था कि , मैं महिला हूं और मेरा पिछले साल हुई हिंसा में काेई हाथ नहीं था। ऐसे में अब मुझे रियायत मिले और जमानत दी जाए। हनीप्रीत ने पंचकूला अदालत में दी अपनी जमानत याचिका में कहा था कि 25अगस्त 2017को पंचकूला में जब हिंसा हो रही थी, तो मैं डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के साथ थी। दोषी ठहराने के बाद मैं डेरा प्रमुख के साथ ही पंचकूला से सीधे सुनारियां जेल रोहतक चली गई। हिंसा में मेरा कहीं कोई रोल नहीं है। मेरा नाम भी बाद में एफआइआर में डाला गया।
याचिका में हनीप्रीत ने कहा, मुझे पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि मैंने 3अक्टूबर 2017को आत्मसमर्पण किया था। इस मामले में एफआइआर नंबर 345के अन्य 15आरोपितों को जमानत मिल चुकी है तो 245दिन जेल में रहने के बाद मैं भी जमानत की हकदार हूं। महिला होने के नाते मुझे रियायत दी जानी चाहिए।
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