किसानों के द्वारा देशभर में चलाए जा रहे आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मोदी कैबिनेट ने बुधवार को चीनी मिलों के लिए 7007करोड़ रुपए का बेलआउट पैकेज जारी किया है. इसमें 4500करोड़ रुपए का सॉफ्ट लोन भी शामिल है, जिसका इस्तेमाल इथेनॉल प्रोडक्शन कैपेसिटी में किया जाएगा.
1175करोड़ रुपए का इस्तेमाल बफर स्टॉक के लिए किया जाएगा. सॉफ्ट लोन के कारण सरकार पर 1332करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा.
आपको बता दें कि हाल ही में केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने बयान दिया था कि 8000करोड़ रुपए पैकेज जल्द ही जारी किया जाएगा.
बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के कैराना में हाल ही में हुए उपचुनाव में गन्ना किसानों का मुद्दा काफी अहम था. इसी में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. अब किसानों को राहत देते हुए सरकार की ओर से पैकेज का ऐलान किया गया है. पासवान ने कहा था कि किसानों का जो पैसा मिल मालिकों पर बकाया है, वह भी उनके खातों में सीधा जाएगा. बता दें कि गन्ना किसानों का मिल मालिकों पर करीब 20,000करोड़ का बकाया है.
2019पर नज़र
गौरतलब है कि भारत का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है. गन्ना लैंड में पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वांचल और मध्य यूपी का क्षेत्र शामिल हैं. पश्चिम यूपी को तो गन्ना का कटोरा कहा जाता है. सरकार की नज़र 2019लोकसभा चुनाव से पहले किसानों को साधने पर है.
बागपत, कैराना, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, मेरठ, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अमरोहा, अलीगढ़, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, शाहजहांपुर, बाराबंकी, हरदोई, फैजाबाद, गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, देवरिया, बलिया और मऊ सहित करीब 40लोकसभा सीटें हैं जो गन्ना लैंड के दायरे में आती हैं.
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