नई दिल्ली: केंद्र सरकार एससी/एसटी समाज से आने वाले कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण देती रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि यह मामला संविधान पीठ में है, इसलिए इसपर आखिरी फैसला लेने का अधिकार उन्हीं के पास है. संविधान पीठ जबतक इस मामले में फैसला नहीं लेती है तब तक केंद्र सरकार एससी/एसटी सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण देती रहेगी.सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पैरवी करने पहुंचे अतिरिक्त सॉलिस्टिर जनरल मनिंदर सिंह ने कहा कि कमर्चारियों को प्रमोशन देना सरकार का दायित्व है. देश के अलग-अलग हाईकोर्ट के फैसलों के चलते केंद्र सरकार एससी/एसटी समाज के कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण नहीं दे पा रही है. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसलों पर रोक लगाते हुए कि केंद्र सरकार प्रमोशन में आरक्षण दे सकती है.
मालूम हो कि कार्मिक विभाग ने 30 सितंबर 2016 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें प्रमोशन में आरक्षण पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद से दलित समाज से आने वाले सरकारी कर्मचारी प्रमोशन के लिए सरकार के नुमाइंदों पर दबाव बना रहे थे.
इसी बीच लोकजन शक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख रामविलास पासवान ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात दलितों की इस डिमांड को पूरा करवाने की मांग की थी. इसके बाद केंद्र सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने फिलहाल SC/ST समाज से आने वाले कर्मचारियों के लिए प्रमोशन में आरक्षण की बहाल कर दी है.
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