कांग्रेस नेता शशि थरुर को पत्नी सुनंदा पुष्कर मौत केस में मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत से समन जारी किए जाने और ट्रायल का सामना करने के आदेश के बाद उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद और आधारहीन है। उन्होंने आगे कहा कि सच्चाई निकलकर सामने आएगी।
अपने ऑफिशियल ट्वीटर एकाउंट से जारी बयान में थरूर ने कहा- मैं यह कहना चाहूंगा कि मेरे ऊपर लगाए गए सारे आरोप बुनियाद और आधारहीन हैं। इन आरोपों के खिलाफ डटकर मुक़ाबला करूंगा और अंत में सच्चाई सामने आएगी।
हालांकि, उन्होंने इस बारे में ज्यादा कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही, उन्होंने मीडिया से पूरा मामला न्यायलय के अधीन होने के चलते उनकी और उनके परिवार की निजता का सम्मान करने को कहा। थरूर ने कहा- मैं इस बारे में ज्यादा कुछ भी बोलने से परहेज करूंगा क्योंकि इस केस में सुनवाई की अगली तारीख निर्धारित की गई है। इससे पहले, दिल्ली की अदालत ने सुनंदा पुष्कर मौत केस में दिल्ली पुलिस की तरफ से दाखिल की गई चार्जशीट में शशि थरूर का नाम लेने पर संज्ञान लेते हुए कांग्रेस नेता को समन भेजा है और 7 जुलाई को अदालत में पेश होने को कहा है। सुनंदा पुष्कर के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने को लेकर थरूर के खिलाफ क्रूरता के आरोपों पर एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने संज्ञान लिया।
जज ने कहा- मैने अभियोजन पक्ष के वकील को सुना है। मैने चार्जशीट और उसके साथ लगाए गए दस्तावेजों को देखा है। पुलिस की तरफ से दायर चार्जशीट पर मैने सुनंदा पुष्कर को खुदकुशी के लिए उकसाने और उसके लिए डॉक्टर शशि थरूर की तरफ से की गई क्रूरता पर संज्ञान लिया है। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने 14 मई को कांग्रेस के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर के खिलाफ सुनंदा पुष्कर को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए दिल्ली की अदालत सेकहा था कि साढ़े चार साल पुराने इस केस में थरुर को समन भेजा जाना चाहिए। दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि थरूर के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सबूत है।
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