एटीएम में कैश की किल्लत को लेकर बवाल मचा गया। हालांकि, सरकार और आरबीआई के ऐक्शन में आने पर उन 86 प्रतिशत एटीएमों में पैसे पहुंच गए हैं जो पिछले कुछ दिनों से सूखे पड़े थे। लेकिन, सवाल यह उठ रहा है कि कैश किल्लत की समस्या हंगामे के स्तर पर पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार और आरबीआई जिम्मेदार हैं क्योंकि कहा जा रहा है कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की सरकारों ने दोनों को इसकी जानकारी दे दी थी।फरवरी महीने में वित्त मंत्रालय और आरबीआई को लिखे पत्र में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने कहा था कि उनके राज्यों में एटीएम लगातार खाली रह रहे हैं। इस समस्या की तुरंत समाधान निकालने की जरूरत है। पत्र में कहा गया था कि कैश किल्लत को दूर करने की दिशा में जल्द कदम नहीं उठाए गए तो यह समस्या व्यापक रूप धारण कर सकती है। लेकिन, आरबीआई और केंद्र सरकार उस वक्त इसे शायद सामान्य मुद्दा मानकर गंभीरता से नहीं लिया। यही कारण है कि किल्लत की समस्या 11 राज्यों में फैल गई।
PoS मशीनों से निकासी की सुविधा
बहरहाल, एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार के कहे मुताबिक जिन राज्यों में नकदी की कमी हुई थी, वहां नोट पहुंचा दिए गए हैं। साथ ही, एसबीआई ने छोटे शहरों में रिटेल आउटलेट पर लगी PoS मशीनों से 2000 रुपये तक निकालने की सुविधा दी है। इसके लिए कोई चार्ज नहीं देना होगा। एसबीआई के डेप्युटी मैनेजिंग एडिटर नीरज व्यास ने एक ट्वीट में बताया कि टियर 3 और 6 शहरों में भी लोग डेबिट कार्ड के इस्तेमाल से 1000 रुपये निकाल सकते हैं।
गुरुवार को ही खत्म हो गई कैश की किल्लत
देश के कुछ इलाकों में नोटमंदी की समस्या गुरुवार को कम होती नजर आई। सरकारी अफसरों ने दावा किया कि सवा दो लाख एटीएम में से 86 फीसदी सही से काम कर रहे हैं और कैश दे रहे हैं। एक दिन पहले यह आंकड़ा 80 फीसदी था, मंगलवार को तो 60 प्रतिशत एटीएम के ही काम करने की खबरें थीं।
हालत सुधरने की वजह पिछले तीन दिनों से स्पेशल इंतजाम करके कैश भिजवाने को माना जा रहा है। एक अफसर के मुताबिक, अनुमानित 70 हजार करोड़ कैश की कमी को पूरा करने के लिए चारों प्रिंटिंग प्रेस बिना रुके 500 और 200 रुपये के नोट छाप रही हैं। स्टेट बैंक के चेयरमैन ने कहा कि कैश संकट सिर्फ तेलंगाना, बिहार जैसे कुछ इलाकों में ही सीमित है। वहां भी शुक्रवार तक संकट दूर हो जाएगा।
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