पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारत के पहले इलेक्ट्रिक हाई-स्पीड लोकोमोटिव को हरी झंडी दिखाई. इस लोकोमोटिव को फ्रांस की कंपनी एल्सटॉम की मदद से माधेपुरा रेल लोको फैक्ट्री में बनाया गया है. पीएम चंपावत सत्याग्रह के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर बिहार पहुंचे थे. इसके अलावा पीएम मोदी ने रेल इंजन फैक्ट्री का भी उद्घाटन किया, जिसके लिए पहले ही 1300 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है.
12000 हॉर्सपावर क्षमता का यह लोकोमोटिव 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 6000 टन वजन खींचने में सक्षम है. इसके साथ भारत ऐसा लोकोमोटिव इंजन चलाने वाले पांच देशों में शामिल हो गया. भारत के अलावा रूस, चीन, जर्मनी और स्वीडन में भी ऐसे लोकोमोटिव चलाए जा रहे हैं.मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत एल्सटॉम अगले 11 साल में ऐसे 800 इंजन बनाएगी, जिनपर 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च आएगा. हर लोकोमोटिव की लागत 25 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.इस फैक्ट्री के मैनेजिंग डायरेक्टर सचिन गोयल ने न्यूज 18 को बताया कि एडवांस तकनीक वाले इन इंजनों को भारतीय परिस्थितियां ध्यान में रखकर बनाया गया है. ये बेहद गर्म और ठंडे वातावरण में भी बिना रुकावट काम करने में सक्षम हैं.
उन्होंने बताया,यह यूरोपियन मॉडल इंजन बेहद सुरक्षित हैं और इन्हें पर्यावरण को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इसमें एलईडी लाइट्स और री-जेनरेटिव पावर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जो 87 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत करेंगे.
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