एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों में बदलाव से नाराज दलित वर्ग को साधने के लिए भाजपा ने बड़ी रणनीति तैयार की है। इसमें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य भूमिका निभाएंगे। पीएम 11 अप्रैल को मुद्रा योजना से लाभान्वित होने वाले दलित बिरादरी के एक समूह से सीधा संवाद करेंगे। बाबा भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उनके जन्म स्थान को राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा।
पार्टी की मुख्य चिंता उत्तर प्रदेश है, जहां सपा-बसपा के साथ आने के बाद एक-एक कर दलित सांसदों के नाराज होने की खबरें आ रही हैं। इससे निपटने के लिए पार्टी के सांसद और वरिष्ठ नेता दलित बस्तियों में जाएंगे। बता दें कि शनिवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को पीएम नरेंद्र मोदी ने दलित वर्ग की नाराजगी दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया है। इसके अलावा दलित सांसदों की शिकायतें दूर करने की भी योजना तैयार की गई है।
अंबेडकर जयंती से 5 मई तक चलने वाले ग्राम स्वराज अभियान के तहत सांसद और वरिष्ठ नेता दलित बस्तियों में दो रात रुक कर इस बिरादरी से सीधा संवाद करेंगे। दलितों के घर रुकने वाले नेताओं-सांसदों को मोदी सरकार द्वारा इस बिरादरी के हक में किए गए फैसलों और योजनाओं की जानकारी से लैस किया जा रहा है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, दलित बिरादरी के सांसदों की बढ़ती नाराजगी से नेतृत्व सतर्क है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि अगर अंदर से ही विरोध की आवाज उठेगी तो विपक्ष के दलितों के उत्पीड़न के आरोपों को ज्यादा बल मिलेगा। यही कारण है कि पार्टी ने अपने दलित सांसदों से सीधा संवाद करने और इनकी नाराजगी दूर करने की रणनीति बनाई है। इस रणनीति के तहत पीएम, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित कुछ वरिष्ठ नेता इन सांसदों से सीधा संवाद करेंगे।
शनिवार को यूपी के सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पीएम से मुलाकात की थी। बताते हैं कि मुख्य चर्चा दलित वर्ग की नाराजगी थी। इस दौरान सीएम ने अंबेडकर जयंती के दिन से शुरू हो रहे ग्राम सुराज अभियान की तैयारियों का विस्तृत ब्यौरा दिया। पीएम ने दलित मुद्दे पर खास एहतियात बरतने के निर्देश दिए। शनिवार को ही राज्य के वरिष्ठ नेता स्वतंत्र देव सिंह ने अमित शाह से मुलाकात की थी।
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