रेलवे की फैक्ट्रियों व कारखानों में कौशल विकास का प्रशिक्षण पा चुके अप्रेंटिस की सख्या एक लाख से अधिक है। लेकिन इसमें से सिर्फ साढ़े बारह हजार अप्रेंटिसों को रेलवे में नौकरी मिलेगी। रेलवे बोर्ड के नियम के मुताबिक चतुर्थ श्रेणी के कुल रिक्त पदों में से 20% पद अप्रेंटिस के लिए आरक्षित हैं। ध्यान देने की बात यह है कि दूसरे संस्थानों के अप्रेंटिसों को इस आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। विदित हो कि रेलवे बोर्ड ने 89,409 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए फरवरी 2018 में अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें ग्रुप सी के 26,502 पद हैं। जबकि शेष 62,907 पद ग्रुप डी के हैं। इसलिए अप्रेंटिस एक्ट के तहत 20 फीसदी आरक्षण का नियम सिर्फ ग्रुप-डी के 62,907 पदों पर लागू होगा। इस प्रकार रेलवे की फैक्ट्री, कारखानों, शेड आदि में अप्रेंटिस कर चुके एक लाख से अधिक अप्रेंटिसों में से सिर्फ 12,581 को नौकरी मिल सकेगी।
सूत्रों के मुताबिक रेलवे प्रति वर्ष लगभग 7000 हजार युवओं को कौशल विकास का प्रशिक्ष्ण देता है। लेकिन समय पर रिक्त पदों पर भर्ती नहीं होने के कारण अप्रेंटिसों की सख्या एक लाख से अधिक पहुंच गई है। बचे हुए अप्रेंटिसों को रेलवे की अगली भर्ती का इंतजार करना होगा। लेकिन उस समय कई छात्र निर्धारित उम्र अधिक होने की वजह से अयोग्य हो जाएंगे।
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