संसद में आज भी हंगामे के आसार हैं। वहीं इससे पहले सोमवार को विपक्षी दलों के हंगामे के कारण 11वें दिन भी लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इसके कारण केंद्र सरकार के खिलाफ तेलुगुदेशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव फिर आगे नहीं बढ़ सका। जबकि सरकार चर्चा के लिए तैयार थी।
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सदन में मोदी सरकार पूरे आत्मविश्वास में नजर आई। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव समेत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। सभी दल सहयोग दें। वहीं, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि हंगामे की स्थिति में प्रस्ताव लाने वाले लोगों गिना नहीं जा सकता है।
मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में पहली बार है जब विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहते हैं। वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी ने शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया था।
आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने और पुनर्गठन कानून के प्रावधानों को लागू करने की मांग को लेकर टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस बजट सत्र के दूसरे हिस्से की शुरुआत से ही संसद में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। दोनों दलों का कहना है कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राजद, एनसीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, वामदल समेत अन्य पार्टियों ने साथ देने का वादा किया है।
कार्यवाही न चलना दुर्भाग्यपूर्ण: राजनाथ
संसद की कार्यवाही बाधित होने और अविश्वास प्रस्ताव के बारे में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, हम नियमों के तहत हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। आखिर संसद चर्चा के लिए ही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद की कार्यवाही नहीं चल पा रही है। राजनाथ ने लोकसभा में कहा कि सरकार चाहती है कि सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो। वहीं, संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने कहा, हम अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार हैं।
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