समय न्यूज़ 24 डेस्क
करीब 3 महीने बाद आज मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह सरकार का बहुप्रतिक्षित मंत्रिमंडल विस्तार हुआ है। आज के इस मेगा विस्तार में कुल 28 मंत्रियों ने शपथ ली। इसमें 20 कैबिनेट और 8 राज्यमंत्री हैं।
नई दिल्ली: करीब 3महीने बाद आज मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह सरकार का बहुप्रतिक्षित मंत्रिमंडल विस्तार हुआ है। आज के इस मेगा विस्तार में कुल 28मंत्रियों ने शपथ ली। इसमें 20कैबिनेट और 8राज्यमंत्री हैं। मंत्रियों को शपथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दिलाई, जिन्हें मध्य प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।शपथ ग्रहण में सिंधिया गुट के लोगों की बड़ी संख्या रही। 28में से 12मंत्री सिंधिया समर्थक नेता हैं, जो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कई करीबी आज शपथ लेने वाले मंत्रियों में शामिल थे, जिनमें भाजपा विधायक यशोधरा राजे सिंधिया भी थीं। अन्य लोगों में भाजपा विधायक गोपाल भार्गव, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी और प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
शिवराज चौहान ने बुधवार को कहा, “मंथन से तो अमृत ही निकलेगा, विष तो शिवजी पी जाते हैं।” राजनीतिक हलकों में इस बयान को इस रूप में देखा गया था कि विस्तारित कैबिनेट में वह मंत्री शामिल नहीं हो सकते हैं, जिन्हें वह अपनी टीम में चाहते थे।
बीजेपी के जिन दिग्गजों को मंत्री बनाया 7पुराने
गोपाल भार्गव (कैबिनेट),भूपेंद्र सिंह (कैबिनेट),विजय शाह (कैबिनेट),यशोधरा राजे सिंधिया (कैबिनेट),विश्वास सारंग (कैबिनेट),जगदीश देवड़ा (कैबिनेट),बृजेंद्र प्रताप सिंह (कैबिनेट)
बीजेपी 9 नए चेहरे
अरविंद भदोरिया (कैबिनेट),उषा ठाकुर (राज्यमंत्री),मोहन यादव (कैबिनेट),प्रेम सिंह पटेल (कैबिनेट),भारत सिंह कुशवाहा (राज्यमंत्री),राम खिलावन पटेल (राज्यमंत्री), रामकिशोर कावरे (राज्यमंत्री), इंदर सिंह परमार (राज्यमंत्री), ओम प्रकाश सकलेचा (कैबिनेट)
सिंधिया खेमे से मंत्री
प्रद्युम्न सिंह तोमर (कैबिनेट), प्रभु राम चौधरी (कैबिनेट), इमरती देवी (कैबिनेट), महेंद्र सिंह सिसोदिया (कैबिनेट), राज्यवर्धन सिंह (कैबिनेट)ओपीएस भदौरिया (राज्यमंत्री), सुरेश धाकड़ (राज्यमंत्री), बृजेंद्र सिंह यादव (राज्यमंत्री), गिर्राज दंडोतिया (राज्यमंत्री)
कांग्रेस से बीजेपी में आए
बिसाहूलाल सिंह (कैबिनेट), ऐंदल सिंह कंसाना (कैबिनेट),हरदीप सिंह डंग (कैबिनेट)
कैबिनेट विस्तार मार्च से लंबित थी। अप्रैल के मध्य से सरकार पांच मंत्रियों के साथ काम कर रही थी। यहां तक कि उन्हें भी मुख्यमंत्री द्वारा मार्च में शपथ लेने के लगभग एक महीने बाद शामिल किया गया था। इसके लिए आधिकारिक तौर पर कोरोना वायरस और राज्यसभा चुनाव को जिम्मेदार ठहराया गया। मार्च में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेसी विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे। जिसके बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई थी।
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