अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज बड़ी सुनवाई होगी। इस मामले पर रोजाना सुनवाई को लेकर आज फैसला हो सकता है। कोर्ट ने यह पहले ही साफ कर दिया है कि इस मामले को आस्था की तरह नहीं बल्कि जमीनी विवाद के तौर पर देखेगा। सुप्रीम कोर्ट की पीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 13 अपीलों पर सुनवाई करेगी। इससे पहले 8 फरवरी को अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई हुई थी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नज़ीर की पीठ में सभी पक्षों ने दस्तावेजों के जरिए अपना पक्षा रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को दो हफ्ते में दस्तावेज तैयार करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही, कोर्ट ने यह साफ किया कि इस मामले में अब कोई नया पक्षाकार नहीं जुड़ेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या में 2.77 एकड़ के इस विवादित स्थल को इस विवाद के तीनों पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और भगवान राम लला के बीच बांटने का आदेश दिया था।
सुनवाई में सबसे पहले यह तय किया जाएगा कि मामले के सभी पक्षकारों को किन-किन बिंदुओं पर बहस करनी है और बहस की रूपरेखा क्या होगी। 8 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार के सामने हुई मीटिंग में सभी पक्षों ने कहा कि कागजी कार्रवाई और अनुवाद का काम लगभग पूरा हो गया है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कागजी कार्रवाई और अनुवाद का काम पूरा करने के आदेश दिए थे। जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।
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