लोकसभा चुनाव में ताबड़तोड़ प्रचार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान शिव की शरण में केदारनाथ पहुंचे हैं. यहां मंदिर परिसर में पहुंचने पर केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने उनका स्वागत किया, जिसके बाद वह भगवान शिव की पूजा अर्चना और रूद्राभिषेक के लिए मंदिर के गर्भगृह में दाखिल हुए. करीब आधे घंटे चली इस पूजा के बाद प्रधानमंत्री ने मंदिर की परिक्रमा की और हाथ हिलाकर श्रद्धालुओं का अभिवादन किया।
केदारनाथ मंदिर दर्शन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने यहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की. इसके बाद में प्रधानमंत्री केदारनाथ गुफा में ध्यान भी करेंगे और रविवार को बद्रीनाथ जाएंगे. प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) अशोक कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के मद्देनजर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
प्रधानमंत्री यहां हेलिकॉप्टर से उतरने पर स्लेटी रंग के पहाड़ी परिधान और पहाड़ी टोपी पहने और कमर में केसरिया गमछा बांधे दिखाई दिए. हेलीपैड से मंदिर पहुंचने के पैदल रास्ते के दोनों ओर मौजूद श्रद्धालुओं और स्थानीय जनता का उन्होंने हाथ हिलाकर अभिवादन किया. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने बताया कि मोदी के आगमन से उत्तराखंड की जनता और पार्टी बहुत उत्साहित है।
जीत के लिए मांगा आशीर्वाद
प्रधानमंत्री के इस दौरे का मकसद पूरी तरह से आध्यात्मिक है. हालांकि मोदी के दौरे के बीच 19 मई को आखिरी चरण की वोटिंग भी होनी है. इस चरण में पीएम मोदी की संसदीय सीट वाराणसी भी शामिल है, जहां से पिछले बार उन्होंने बड़े अंतर से चुनाव जीता था. इसके अलावा 23 मई को आने वाले नतीजों से पहले पीएम का यह दौरा काफी अहम है, क्योंकि कहा यह जा रहा है कि प्रधानमंत्री चुनावी रण में ताकत झोंकने के बाद अब भगवान से अपनी पार्टी की जीत का आशीर्वाद भी मांगेंगे.
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी अपने दो दिवसीय उत्तराखंड प्रवास पर देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंचे. जहां उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनकी अगवानी की. प्रधानमंत्री का पिछले दो साल में केदारनाथ का यह चौथा दौरा है.
गुफा में लगाया ध्यान
गुरुड़चट्टी में साधना के बाद यह पहला मौका है जब मोदी केदारनाथ में ध्यान लगा रहे हैं. ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम की ऊंचाई समुद्र तल से 11,700 फीट है. जबकि मंदिर परिसर से डेढ़ किमी दूर बनी ध्यान गुफा की ऊंचाई करीब 12,250 फीट है. साल 2017 में कपाट खुलने के मौके पर पीएम मोदी ने प्रथम भक्त के तौर पर बाबा केदार के दर्शन कर रुद्राभिषेक किया था. उसके बाद से अब वे चौथी बार केदारनाथ आए हैं. 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के बाद पुनर्निर्माण पर लगातार उनकी नजर रही है।
पुनरुत्थान का जिम्मा संभालने के बाद मोदी ने ही केदारनाथ गुफा के पुनर्निर्माण के निर्देश दिए थे. पिछले साल बनकर तैयार गुफा का संचालन इस साल से शुरू हो गया. इस साल महाराष्ट्र के जय शाह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुफा में रुकने वाले दूसरे भक्त होंगे।
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