धनबाद कोयला व ओबी के ओवर रिपोर्टिंग को लेकर सीबीआइ व विजिलेंस की टीम ने बस्ताकोला क्षेत्र के एटी लिब्रा आउटसोर्सिंग परियोजना में गुरुवार को छापामारी की. छापामारी के सूचना मिलते ही बीसीसीएल व आउटसोर्सिंग प्रबंधन में हड़कंप मच गया. टीम सबसे प्रथम बस्ताकोला क्षेत्रीय कार्यालय अचानक पहुंची. वहां से महाप्रबंधक पीके दुबे, क्षेत्रीय सर्वे अधिकारी एमके सिंह को साथ लेकर 27 सदस्यीय टीम केओसीपी कार्यालय पहुंचे. पीओ बीके झा व जीएम श्री दुबे से पूछताछ की. इसके बाद टीम कुइयां कोल डंप होते हुए एनसी पैच ब्यूह प्वाइंट पहुंची. वहां से अधिकारियों ने परियोजना को देखा. उसके बाद पीओ व जीएम को लेकर परियोजना के स्टॉर्टिंग प्वाइंट गोलकडीह पहुंची. टीम ने एटी लिब्रा आउटसोर्सिंग परियोजना का नक्शा का भी अवलोकन किया. टीम का नेतृत्व सीबीआइ के डीएसपी उमेश कुमार कर रहे थे. टीम ने गोलकडीह स्टॉर्टिंग प्वाइंट से टीएस मशीन द्वारा एनसी पैच परियोजना का ओबी (ओवर बर्डेन)की मापी कर जांच शुरू की. वहीं प्रबंधन ने बताया कि डंप 1, डंप 2 व सीके साइडिंग मिलाकर 17 हजार टन कोयला स्टॉक है. बस्ताकोला क्षेत्र के गोलकडीह विभागीय परियोजना में सीबीआइ ने वर्ष 2010 में भी कोयले की ओवर रिपोर्टिंग मामले में छापेमारी की थी, जिसमें तत्कालीन जीएम आरयू पांडेय, पीओ किशोर यादव, सर्वे अधिकारी एसएस सरकार व ए घोष दोषी पाये जाने पर जेल की हवा खा चुके हैं. इस बार कोयला की बजाय ओबी की हुई जम कर ओवर रिपोर्टिंग में कई अधिकारियों की गर्दन फंस गयी है.
सीबीआइ डीएसपी उमेश कुमार ने बताया कि यह जांच करीब एक सप्ताह तक जांच चलेगी. जांच के उपरांत ही कुछ स्पष्ट बताया जा सकता है. जांच टीम अभी ओबी व कोयला की मापी कर रही है. मौके पर विजिलेंस के सर्वे अधिकारी बलवंत सिंह, बीके सिन्हा, सुधाकर प्रसाद, एटी लिब्रा जीएम आरएन मिश्रा, प्रबंधक दिनेश चौधरी, ललन कुमार सिंह आदि कई अधिकारी मौजूद थे.
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