कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील को लेकर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस अध्यक्ष ने शुक्रवार को एक बार फिर इस मामले में व्यापक धांधली के आरोप लगाते हुए फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट के आंतरिक ईमेल्स का हवाला दिया और यह भी कहा कि पीएम मोदी ने अनिल अंबानी की कंपनी को 30,000 करोड़ रुपये दिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'दसॉल्ट कंपनी के आंतरिक ईमेल्स से इसका खुलासा होता है कि भारत सरकार ने यह आदेश दिया था कि ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट अनिल अंबानी को ही दिए जाने चाहिए।' उन्होंने पीएम मोदी पर अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ रुपये देने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि आज सरकार की तरफ से रक्षा मंत्री अपनी बात पेश करेंगी। ऐसे में मैं एक बार फिर से अपने सवाल उनके साथ विनम्रता से रखता हूं। जिनका जवाब देने से सरकार अब तक बच रही है। राहुल ने कहा कि अरुण जेटली ने लंबा भाषण दिया, मुझे गाली दी, मगर मेरे सवालों का जवाब नहीं दिया।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के आरोपों पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'मुझ पर उंगली उठाने की बजाय केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को राफेल पर उन सवालों के जवाब देने चाहिए जो हमने उठाए हैं।' उन्होने कहा, 'कांग्रेस और पूरा विपक्ष रक्षा मंत्री से राफेल पर प्रश्नों के जवाब चाहता है।' उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस अगर सत्ता में आई तो राफेल मामले की आपराधिक जांच होगी और दोषियों को सजा दिलवाई जाएगी।
राफेल मुद्दे पर बुधवार को भी लोकसभा में जोरदार बहस हुई थी, जब राहुल गांधी ने इस मामले की जेपीसी से जांच कराने की मांग की थी। इस दौरान एक ऑडियो को लेकर भी खूब बवाल हुआ, जिसमें कांग्रेस ने गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर के यह कहने का दावा किया है कि राफेल के बारे में पूरी सूचना उनके बेडरूम में है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने इसे लोकसभा में प्ले करने की मांग भी की थी, लेकिन स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इससे इनकार कर दिया। वहीं, इस पर कांग्रेस के आरोपों का करारा जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि राहुल गांधी को लड़ाकू विमानों की समझ नहीं है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पर इस मुद्दे को लेकर लगातार झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा था कि कुछ लोगों को सच पसंद नहीं है।
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