प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राम मंदिर पर फिलहाल अध्यादेश नहीं लाने की बात पर श्री राम जन्मभूमि व कृष्ण जन्मभूमि न्यास ने नाराजगी जताई है। न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि जनता ने प्रधानमंत्री को बहुमत देकर इसलिए भेजा है की मंदिर का अति शीघ्र निर्माण हो सके। यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो अपना और बीजेपी पार्टी का बंटाधार करेंगे। महंत गोपाल दास ने कहा, 'कोर्ट का फैसला आने वाले समय में जो भी हो, उससे पहले ही अपने स्वतंत्र अधिकार से राम मंदिर का निर्माण पीएम को कराना चाहिए, क्योंकि कोर्ट का फैसला पहले भी हिंदू समाज ने देखा है।
तीन हिस्सों में जमीन को बांट दिया गया। हम कोर्ट का सम्मान करते हैं, परंतु स्वयं मोदी जी को मंदिर का निर्माण कराना चाहिए, वह कोर्ट की प्रतीक्षा बंद करें।' उधर, वीएचपी के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा पीएम नरेंद्र मोदी के बयान पर संत धर्माचार्य प्रयाग में 31 जनवरी व 1 फरवरी को होने वाले धर्म संसद में मंथन करेंगे। उसके बाद संत धर्माचार्य जो भी प्रस्ताव लाएंगे उसका पालन वीएचपी करेगी। उन्होंने कहा आखिर कब तक हम अदालत की प्रतीक्षा करते रहेंगे। वर्षों से हिंदू समाज प्रतीक्षा ही तो करता आ रहा है। रामलला आज याची बनकर खड़े हैं।
उन्होंने कहा, 'रामलला को आज तक न्याय नहीं मिल पाया इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है। अध्यादेश लाकर कानून बनाकर मंदिर का निर्माण हो इसकी मांग लगातार हिंदू समाज करता आ रहा है। वर्तमान सरकार ने भी आ रही बाधाओं को दूर करने की बात कही थी लेकिन अब इस प्रकार का बयान चिंतनीय है।'
|