2019 के लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार जनवरी में अपनी प्रमुख योजनाओं के आंकड़े लोगों के सामने रखेगी। देश को अपनी उपलब्धियां बताने के लिए सरकार ने इन योजनाओं से जुड़े डेटा प्लैटफॉर्म को जनता के लिए खोलने की तैयारी की है। अधिकारियों के मुताबिक, शहरी क्षेत्रों के विकास की सारी योजनाओं जैसे स्मार्ट सिटी, हाउसिंग फॉर ऑल, अमृत, स्वच्छ भारत और इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट के आंकड़े जियोटैग किए जाएंगे और एक खास ऐप के माध्यम से लोगों के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे लोगों को उन योजनाओं की जानकारी और उन पर काम होने की जानकारी मिल सकेगी।
अधिकारियों ने बताया कि शहरी एवं आवास विकास मंत्रालय के हिस्से में सर्वाधिक फ्लैगशिप स्कीम हैं और ऐप भी यही मंत्रालय बना रहा है। उनके मुताबिक इसका डेटा जनवरी 2019 से आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान छिपाने की शर्त पर इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि हम इस राय पर पहुंचे थे कि हमें कोई भी चीज छिपाने की जरूरत नहीं है। उनके मुताबिक सारी योजनाओं के तहत उपलब्धियां गिनाए जाने योग्य हैं और डेटा प्लैटफॉर्म को जनता के लिए खोले जाने से शासन के अंदर पारदर्शिता ही बढ़ेगी।
इस ऐप में सारे इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट को जियोटैग किया जाएगा। इसके बाद इन्हें वीडियो, फोटोग्राफ्स और इनके पते के साथ ऐप पर अपलोड किया जाएगा। अब तक ग्रामीण विकास मंत्रालय अपनी फ्लैगशिप योजना प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) के लिए ऐसा करता रहा है। अधिकारी के मुताबिक इसमें सबसे बड़ी चुनौती स्वच्छ भारत अभियान को लेकर है। इस अभियान के तहत 62 लाख व्यक्तिगत टॉयलट और 5 लाख कम्युनिटी और पब्लिक टॉयलट बनाए गए हैं। इन सभी की तस्वीर के साथ जियोटैगिंग एक कठिन प्रक्रिया है। इस ऐप को लॉन्च करने के अलावा सरकार एक वीडियो वॉल तैयार करने की योजना में भी है।
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