फाइल फोटो
बहुचर्चित सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया। फैसला सुनाते हुए सीबीआई जज ने कहा कि साजिश और हत्या साबित करने के लिए मौजूद गवाह और सबूत संतोषजनक नहीं हैं, अदालत ने यह भी पाया है कि परिस्थिति संबंधी साक्ष्य भी पर्याप्त नहीं है। जज ने कहा कि तुलसीराम प्रजापति की हत्या की साजिश का आरोप सच नहीं है। सबूतों के अभाव में विशेष सीबीआई अदालत ने सभी 22 आरोपियों को बरी कर दिया।
हालांकि, कोर्ट ने इस बात को माना है कि सोहराबुद्दीन की मौत गोली लगने के कारण ही हुई थी. हालांकि, इस बात का कोई सबूत नहीं है. यही कारण है कि सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सरकार और एजेंसियों ने इस केस की जांच करने में काफी मेहनत की, 210गवाहों को पेश किया गया. लेकिन किसी भी तरह से सबूत सामने नहीं आ सके. जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि असहाय हैं.बताते चलें कि 2005-06 के दौरान हुए इस एनकाउंटर में इस कथित गैंगस्टर सोहराबुद्दीन और तुलसीराम प्रजापति के मारे जाने से राजनीति काफी गर्मा गई थी. अब 13 साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. इस मामले की आखिरी बहस 5 दिसंबर को खत्म हुई थीI
|