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पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी को जोर का झटका लगा है. बीजेपी को तीन राज्यों में सरकार गंवानी पड़ी, जबकि दो अन्य राज्यों में पार्टी कुछ खास नहीं कर पाई। अब केंद्र और महाराष्ट्र में एनडीए की सहयोगी दल शिवसेना ही बीजेपी को कटघरे में खड़ा कर रही है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इसे अहंकार पर विनम्रता की जीत बताया है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सामना में अपने संपादकीय में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की विनम्रता की तारीफ की है।
उन्होंने लिखा है कि राहुल गांधी ने नम्रता से जीत को स्वीकार किया है और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का आभार जताते हुए घोषणा की है कि उनके काम आगे लेकर जाएंगे. लेकिन मोदी तो पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के योगदान को मानने को तैयार नहीं हैं। बीजेपी का निर्माण करने वाले आडवाणी भी उन्हें मंजूर नहीं है। उद्धव ने आगे लिखा कि ऐसा अहंकार सिर्फ महाभारत में दिखाई दिया था, लेकिन उसका भी पराभव हुआ। राहुल गांधी ने नम्रता से कहा है कि हम बीजेपी का 2019में भी पराजय करेंगे।
मगर लेकिन बीजेपी मुक्त भारत का नारा नहीं देंगे। इतने तूफान में भी गांधी क्यों टिके और इतना घाव सहकर भी लोकतंत्र नष्ट क्यों नहीं हुआ? इसका जवाब इसी विनम्रता में है। बीजेपी के कांग्रेस मुक्त भारत के नारे पर प्रहार करते उद्धव ने कहा- इस जीत ने कांग्रेस को निराशा की गर्त से बाहर निकाल दिया है। राहुल गांधी का कांग्रेस का अध्यक्ष बनना मतलब महात्मा गांधी द्वारा कांग्रेस बर्खास्तगी का सपना पूरा करने जैसा है, ऐसी टिप्पणी तब मोदी-शाह जैसे दिग्गजों से लेकर बीजेपी के गली-मोहल्लों के बच्चे भी कर रहे थे।
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