संसद के शीत सत्र से पहले सोमवार को विपक्षी एकजुटता और अलग-अलग मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार करने के लिए विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई। इसमें कांग्रेस सहित 21 पार्टी के नेताओं ने हिस्सा लिया और यह सहमति बनी कि ‘संविधान और संस्थाओं की रक्षा करने’और बीजेपी को हराने के लिए वे मिलकर लड़ेंगे।
बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी दल संसद के भीतर और बाहर मोदी सरकार को घेरेंगे। गांधी ने कहा, ‘बैठक में यह सहमति बनी है कि संस्थाओं और संविधान पर बीजेपी के हमले को रोकना है। राफेल और नोटबंदी के खिलाफ लड़ेंगे। यह भी सहमति बनी हैकि हम मिलकर बीजेपी और आरएसएस को हराएंगे। संसद के भीतर और बाहर हम तालमेल बनाए रखेंगे।’
तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक बैठक हुई। जो भी बीजेपी का विरोध कर रहे हैं और संस्थाओं और भारत को बचाना चाहते हैं वो साथ आए हैं। यह राष्ट्र की आवाज है।’
उन्होंने कहा, ‘इस सरकार को जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो देश का बड़ा नुकसान हो सकता है। नायडू ने कहा कि विपक्षी दलों के बीच तालमेल को लेकर कार्ययोजना बनेगी और विपक्ष के नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात कर सकते हैं। गौरतलब है कि 2019 के लोकसभाचुनावों से पहले बीजेपी के खिलाफ मोर्चा बनाने के लिए हुई विपक्षी नेताओं की बैठक में बसपा और सपा ने भाग नहीं लिया।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर देश को गलत राह पर ले जाने का आरोप लगाया और कहा कि इसकी गतिविधियों के चलते राष्ट्र की स्वतंत्रता खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश की स्वतंत्रता को मजबूत बनाने में अहम भमिका निभाई थी लेकिन “पिछले साढ़े चार साल से, बीजेपी ने ऐसी बातों को बल दिया है जो भारतीय इतिहास को गलत ढंग से प्रभावित कर सकती है।”
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