भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के इस्तीफे की खबरों को गलत तथा अफवाह बताया। रिजर्व बैंक के प्रवक्ता ने कहा, ''इस तरह की खबरें कि आचार्य ने भी इस्तीफा दे दिया है आधारहीन और गलत हैं।'' गवर्नर पद से उर्जित पटेल के इस्तीफे के तुरंत बाद इस तरह की चर्चा चलने लगी कि आचार्य भी पद छोड़ रहे हैं। आचार्य ने 26 अक्टूबर को अपने भाषण में रिजर्व बैंक की स्वायत्तता को कायम रखने पर जोर दिया था। बता दें कि आचार्य रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति विभाग के प्रमुख हैं। उन्होंने अपने 90 मिनट के भाषण में कहा था कि यदि केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता से समझौता किया जाता है, तो बाजार की स्थिति खराब हो जाएगी। आचार्य ने कहा था कि स्पष्टया उन्हें इस भाषण के लिए गवर्नर पटेल का समर्थन है।
आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफे का कारण निजी बताया है। केंद्र सरकार और आरबीआई के बीच कुछ मसलों पर विवाद चल रहा था। हालांकि, पिछले माह 19 नवंबर को आयोजित बोर्ड बैठक से पहले इसे निपटाने की बात कही गई थी। गौरतलब है कि उर्जित ने 4 सितंबर, 2013 में आरबीआई गवर्नर का पद संभाला था। पिछले महीने उनके इस्तीफा देने की खबर आई थी, लेकिन बाद में सब कुछ ठीक हो गया था। पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी पिछले माह मुलाकात की थी।
दोनों के बीच इस विवाद को सुलझाने को लेकर एक फॉर्मूला भी तय हुआ था। इस फॉर्मूले के तहत आरबीआई से पैसे मांगने को लेकर केंद्र नरमी बरतेगा और दूसरी तरफ आरबीआई भी सरकार को कर्ज देने में थोड़ी ढिलाई बरतेगा।
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