रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद से सोमवार को इस्तीफ दे दिया है। सरकार के विवाद के बाद उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया है। पटेल से पहले रघुराम राजन ने अपने पद से इस्तीफा दिया था।उर्जित पटेल का कार्यकाल सितंबर 2019 में खत्म होने वाले था, लेकिन उन्होंने 9 महीने ही उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उर्जित पटेल सितंबर 2018 में आरबीआई के गवर्नर बने थे।
पटेल ने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि रिजर्व बैंक में काम करके अच्छा लगा। बता दें कि पटेल के कार्यकाल में ही नोटबंदी हुई थी।दो दिन पहले सरकार और उर्जित पटेल के विवाद के बाद आरबीआई ने बैठक भी बुलाई थी। इसमें कई मुद्दों पर बातचीत हुई थी। बता दें कि पिछले कुछ महीनों से सरकार और आरबीआई के बीच विवाद चल रहा था, जिसके चलते गवर्नर को बार-बार सरकार जवाब देना पड़ रहा था।
पटेल के इस कदम से आरबीआई की स्वायत्ता पर असर पड़ने की संभावना है, क्योंकि सरकार के पास एक तरह से केंद्रीय बैंक का पूरा नियंत्रण चला जाएगा। जिन कारणों से उर्जित पटेल को गवर्नर पद से इस्तीफा देना पड़ा उनमें सरकार द्वारा सेक्शन 7 का इस्तेमाल करने की बात कहना और छोटे उद्योगों के लिए लोन आसान बनाना, कर्ज और फंड की समस्या से जूझ रहे 11 सरकारी बैंकों को कर्ज देने से रोकने पर राहत और शैडो लेंडर्स को ज्यादा लिक्विडिटी देना शामिल है।
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