पीएम सर, मेरी गुड़िया को नया जीवन दे दो। बेचारी जन्म के साथ ही बीमार है, उसे न उत्तर प्रदेश में इलाज मिला और न रायपुर में। न मुंबई के डॉक्टरों ने इलाज दिया और अब एम्स भी 2020 से पहले ऑपरेशन नहीं कर रहा। उसके रक्त में ऑक्सीजन न पहुंचने के कारण नीली पड़ती जा रही है, अपनी मासूम के आगे बेबस हूं, आप ही मदद करो।
मोदी सरकार का आयुष्मान भी नहीं मिल पा रहा, क्योंकि इस पिता के पास आयुष्मान भारत का कार्ड नहीं है। ये दर्द यूपी के फैजाबाद निवासी लाल बहादुर यादव का है, जो एक साल से अपनी बिटिया को लेकर सरकारी अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं। लाल बहादुर का कहना है कि उनकी इतनी हैसियत नहीं है कि वे निजी अस्पताल में जाकर 10 से 15 लाख रुपये खर्च कर बेटी का ऑपरेशन करा सकें। 15 नवंबर, 2017 को जन्मी अनन्या दुर्लभ बीमारी पल्मोनरी अट्रीश (मार्ग रोध) से ग्रस्त है। गर्भ में रहते हुए उसके दोनों हार्ट वॉल्व विकसित नहीं हो सके। आमतौर पर भारत में ऐसी बीमारी के साथ जन्म लेने वाले शिशुओं की संख्या बेहद कम है, लेकिन इनकी जान बचाना उससे कई ज्यादा मुश्किल है।
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