कर्नाटक विधानसभा चुनावों से पहले ईवीएम पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो चुकी है। कांग्रेस नेता ने उन इवीएम मशीनों का विरोध किया है जिन्हें गुजरात और उत्तर प्रदेश से लाया जा गया है। कर्नाटक के चुनाव आयुक्त संजीव कुमार ने कहा है कि सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित है और ईवीएम के साथ छेड़छाड़ संभव ही नहीं है। उन्होंने कहा कि ईवीएम और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल की प्रणाली का इस्तेमाल सभी तरह के परीक्षण के बाद किया गया है। इसलिए इनके बारे में आशंकित होने की जरूरत नहीं है। आपको बता दें कि कर्नाटक के गृहमंत्री रामलिंगा रेड्डी ने उन ईवीएम के इस्तेमाल पर विरोध दर्ज कराया है जो गुजरात और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल की गई थी। उन्होंने कहा कि राज्य में निष्पक्ष चुनाव कराने हैं तो इन मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। रेड्डी के अलावा कुछ और कांग्रेस के नेताओं ने गुजरात और उत्तर प्रदेश से आईं ईवीएम पर विरोध दर्ज कराया है। उनकी चिंता है कि कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए ज्यादा मशीनें उत्तर प्रदेश और गुजरात से ही आ रही हैं।
इसी पर संजीव कुमार ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार का इन मशीनों के आवंटन, हस्तांतरण और परिवहन से कोई सरोकार नहीं है। इस संबंध में सभी फैसले लेने का अधिकार चुनाव आयोग के पास सुरक्षित है।
चुनाव आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कर्नाटक में चुनाव के लिए 85,650 बैलेटिंग यूनिट (BU), 66,700 कंट्रोल यूनिट (CU) और 73,700 वीवीपैट की जरूरत है। जिनमें से 27000 BU, 20,000 CU और 13,000 VVPAT गुजरात से लाए जा रहे हैं। वहीं 40,650 BU और 31,700 CU उत्तर प्रदेश से लाए गए हैं। बाकि के उपकरण झारखंड, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से लाए जाएंगे। चुनाव आयोग का कहना है कि 60 हजार से ज्यादा वीवीपैट कर्नाटक चुनावों के लिए खरीदे जाएंगे।
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