ईरान ने तेल एवं प्राकृतिक गैस के अपने विशाल संसाधनों को भारत के साथ साझा करने तथा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए वीजा नियमों में ढील देने की इच्छा जताई।
तीन दिन की भारत यात्रा पर आए ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि वर्तमान सदी एशिया की है जहां नई दिल्ली और तेहरान के पास निभाने के लिए एक बड़ी भूमिका है। उन्होंने यहां जुमे की नमाज अदा करने के बाद मक्का मस्जिद में एक सभा में कहा कि खाड़ी देश में चाबहार बंदरगाह भारत के लिए (पाकिस्तान से गुजरे बिना) ईरान और अफगानिस्तान, मध्य एशियाई देशों तथा यूरोप तक ट्रांजिट मार्ग खोलेगा।
करार के तहत दक्षिण-पूर्वी ईरान में चाबहार बंदरगाह को तैयार करने के लिए भारत को 8.5 करोड़ डालर का निवेश करना है। उन्होंने कहा, ‘ईरान के पास प्रचुर मात्रा में तेल एवं गैस संसाधन हैं और वह इन्हें भारत की प्रगति तथा इसके लोगों की समृद्धि के लिए उसके साथ साझा करने की इच्छा रखता है।’
ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान को उम्मीद है कि बदले में भारत भी लोगों से लोगों के बीच संपर्क मजबूत करने के लिए वीजा नियमों में ढील देगा। इससे पहले रूहानी ने ऐतिहासिक कुतुब शाही मकबरा परिसर भी देखा। ईरानी शैली में बने ये स्मारक सात मकबरों के नाम से जाने जाते हैं।
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