जवाहर लाल यूनिवर्सिटी एक बार फिर छात्रों के प्रदर्शन को लेकर चर्चा में है।
गुरुवार देर रात छात्रों ने प्रशासनिक बिल्डिंग को घेर लिया और कथित तौर पर छात्रों ने जेएनयू प्रशासन के स्टाफ को कैद कर लिया। छात्र हाल ही में लागू किए गए अनिवार्य उपस्थिति (कंपलसरी अटेंडेंस) के फैसले का विरोध कर रहे हैं।
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) की छात्र नेता गीता ने बताया, हमारी मांग थी कि हम जेएनयू वीसी से मिले। हम सुबह से उनका इंतजार कर रहे हैं। हमने कोई गेट ब्लॉक नहीं किया है। हम सिर्फ उनका (वीसी) इंतजार कर रहे हैं। हम चाहते है कि अनिवार्य उपस्थिति का सर्कुलर वापस लिया जाए और एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग बुलाई जाए।इससे पहले जेएनयू के वीसी डा. एम जगदेश कुमार ने ट्विट कर कहा, जेएनयूएसयू के नेतृत्व में छात्रों ने जेएनयू एडमिन बिल्डिंग में वरिष्ठ अधिकारियों को सुबह 11 बजे से घेर रखा है। जब उन्होंने बाहर निकलने की कोशिश की तो छात्रों ने नारेबाजी करते हुए घेर लिया और बाहर नहीं जाने दिया। छात्रों के ऐसे व्यवहार की निंदा नहीं की जानी चाहिए?आपको बता दें कि जेएनयूएसयू (जेएनयू छात्र संघ) ने 15 जनवरी से हड़ताल का आह्वान कर रखा है। रजिस्ट्रार के पत्र में कहा गया है, इस वजह से पर्याप्त संख्या में सुरक्षा गार्ड (पुरुष व महिला) की तैनाती करने का निर्देश दिया गया है, ताकि किसी विद्यार्थी या प्राध्यापक के प्रवेश को हड़तालियों द्वारा जबर्दस्ती नहीं रोका जाए। सामान्य पोशाक में भी कुछ गार्डो की तैनाती का निर्देश दिया गया है और कुछ भी उपद्रव होने पर उसकी वीडियोग्राफी करने का निर्देश दिया गया है। छात्र, प्रशासन के परीक्षा की योग्यता के लिए 75 फीसदी उपस्थिति की अनिवार्यता के आदेश के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। छात्र इस आदेश को जेएनयू की संस्कृति के खिलाफ बताते हुए इसका पालन करने से इनकार कर रहे हैं।
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