वैलेंटाइन डे पर तमाम प्रेम कहानियां सामने आती है लेकिन इसबार एक ऐसी कहानी सामने आई है जो सच्ची मोहब्बत की परिभाषा को बयां कर रही है।
एकतरफा प्यार ने नौ साल पहले प्रमोदिनी उर्फ रानी के जिस चेहरे को झुलसा दिया था आज उसी चेहरे से किसी ने मोहब्बत करते हुए उन्हें वैलेंटाइन डे पर एक अनोखा तोहफा दिया है। सरोज साहू नाम के युवक ने प्रेम दिवस(14 फरवरी) के दिन रानी से सगाई रचाई है।
साल 2009 में रानी कक्षा 12 की छात्रा हुआ करती थी और स्कूल से लौटते वक्त अक्सर उसे एक लड़का परेशान किया करता था। यह एकतरफा प्यार का मामला था और रानी की ना को बर्दाश्त नहीं कर पाने पर इस लड़के ने उसके ऊपर एसिड डाल दिया था। एसिड से रानी की आंखों ने ख्वाबों से ही किनारा कर लिया। नौ साल पहले वह आईना भी देखने से कतराती थी। एसिड अटैक ने उनके जिस्म को ही नहीं बल्कि रूह को भी झुलसा दिया था।
प्रमोदिनी उर्फ रानी ने मीडिया विशेष बातचीत में बताया कि 2009 में जब मेरे ऊपर एसिड से हमला हुआ था तो मैं 80% तक झुलस गयी थी। मेरी आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली गयी थी और बिल्कुल देख नहीं पाती थी, चलने फिरने से भी मजबूर थी। करीब नौ महीने तक उड़ीसा के एक सरकारी अस्पताल के आईसीयू में रहने के बाद पैसों की कमी के कारण मेरे परिवार वाले मुझे घर वापस ले आए। रानी बताती हैं कि पांच साल तक बिस्तर पर रहने के बाद एक प्राइवेट अस्पताल में मुझे भर्ती कराया गया।
कैसे हुई मुलाकत ?
रानी ने बताया कि यह साल 2014की बात है और तब तक मेरी अस्पताल किस भी नर्सों से अच्छी दोस्ती हो चुकी थी। एक दिन वही की नर्स थी जो अपने साथ एक अपने दोस्त सरोज को लेकर आई। वो मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव थे और वह अक्सर अस्पताल आते रहते थे।वह सरोज को दिखाना चाहती थीं कि मेरी क्या हालत है और जब वो मुझसे मिले तो उन्हें लगा कि इस लड़की को सहारे की जरूरत है। वह मुझसे अक्सर मिलने आने लगे।एसिड अटैक के बाद मैं अपने पैरों पर चल भी नहीं पाती थी और डॉक्टर ने भी कह दिया था कि रानी के पैर को ठीक होने में नौ दस महीने लग जाएंगे। लेकिन सरोज ने डॉक्टर से कहा कि वह रानी को चार महीने में अपने पैरों पर खड़ा करके दिखा देगा और उन्होंने ऐसा करके भी दिखाया।
रानी बताती हैं कि वह अपने सहारे से मुझे चलाते, समय पर दवा देते और पूरा ध्यान रखते। उनकी मेहनत रंग लाईऔर मैं चार महीनों में अपने पैरों पर खड़ी होने लगी। उन्होंने मेरा ख्याल रखने के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी थी।
वह बताती है कि फिर मैं स्टाप एसिड अटैक कंपेन से जुडी और पांच जनवरी 2016 को बेहतर इलाज के लिये दिल्ली आ गयी। लेकिन सरोज उड़ीसा में ही रह गए थे।
कब हुआ प्यार का एहसास?
सरोज ने बताया कि रानी उस वक्त तक सिर्फ मेरी एक अच्छी दोस्त थी लेकिन जब वो मुझसे दूर दिल्ली चली गई तब मुझे एहसास हुआ कि मैं रानी से प्यार करता हूं। इसके बाद मैंने उसी साल 14 जनवरी की रात 11 बजे फोन पर अपने प्यार का इजहार कर दिया और शादी की भी इच्छा जताई।
रानी ने शुरू में मना कर दिया था क्योंकि उसका कहना था कि मैं देख नहीं पाती हूं, अपना काम तो कर नहीं पाती किसी की पत्नी कैसे बनूंगी। फिर रानी ने अपनी आंखों का इलाज करवाया, जब उसकी एक आंख में बीस फीसद रोशनी आ गई, तब उसने मेरे प्रस्ताव को स्वीकार किया।वहीं रानी बताती हैं उनकी बात सुनकर मैं रो पड़ी मुझे यक़ीन नहीं हो रहा था कि कोई मुझसे प्यार कैसे कर सकता है। उन्हें मेरे तेज़ाब से झुलसे चेहरे से प्यार हो गया था।आज रानी देख सकती है और अपना काम भी खुद कर सकती है।
रानी और सरोज 14 फरवरी वैलेंनटाइन डे के दिन स्टाप एसिड अटैक कैंपेन द्वारा संचालित शीरोज कैफे में सगाई के बंधन में बंध गए है। उनकी सगाई का पूरा इंतजाम भी दीक्षित ने ही किया था।सरोज का कहना है कि वह और रानी शादी के बाद उड़ीसा में स्टाप एसिड अटैक कंपेन चलायेंगे और शीरोज हैंग आऊट कैफे चलाकर एसिड अटैक की शिकार लड़कियों को रोजगार देंगे। रानी और सरोज से जब पूछा गया कि अब शादी का क्या इरादा है, इस पर दोनो ने मुस्कुराते हुये कहा कि अगले साल शायद आज ही के दिन।
बता दें कि शीरोज हैंग आऊट कैफे में एसिड अटैक का शिकार लड़कियां ही काम करती है और यही उनके जीवनयापन का साधन है।
(फोटो,न्यूज़-ANI)
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