गिरिडीह: एक ओर राज्य की रघुवर सरकार सूबे के विकास का दंभ भरती है. आनेवाले दिनों में हर घर में बिजली, हर बेघर को आशियाना देने जैसे तमाम दावे सरकार की ओर से किये जाते है. लेकिन विकास की हकीकत और झारखंड के लोगों की बदहाली की असली तस्वीर एकबार फिर सामने आयी है. गिरिडीह के मधुबन में भूख से सावित्री देवी की मौत ने सरकार को फिर से कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है. भूख से मौत के बाद सरकार में हड़कंप है. अब पूरे मामले को लेकर सीएम रघुवर दास ने जांच के आदेश दिये हैं.
भूख ने ली सावित्री की जान !
गिरिडीह के मधुबन की रहनेवाली सावित्री देवी की भूख से मौत होने का मामला सामने आया है. खबर है कि सावित्री देवी बहुत गरीब थी, और पिछले तीन दिनों से भूखी थी. वही राशन कार्ड नहीं होने के कारण उन्हें अनाज भी नहीं मिल पाता था. सावित्री देवी की बहु सरस्वती देवी ने बताया कि उन्होंने राशन कार्ड बनवाने की बहुत कोशिश की, लेकिन किसी ने कभी ध्यान नहीं दिया. और उनकी सास 3दिनों से भूखी थी. मृतका के दोनों बेटे किसी तरह बाहर जाकर कमाते थे लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनसे बात नहीं हो पा रही थी. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कुछ दिनों से वे सिर्फ भीख मांगकर ही खाना खा पा रहे थे. वही डुमरी की एमओ शीतल प्रसाद ने अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि, अधिकारियों के गैरजिम्मेदाराना रवैये के कारण मृत महिला का राशन कार्ड नहीं बनाया जा सका. राशन कार्ड ना होने की वजह से महिला को राशन पाने में दिक्कत हो रही थी जिस वजह से उसकी मौत हो गई.
12घंटे में जांच के आदेश
भूख से मौत किसी भी राज्य के लिए शर्मनाक है. अब इस मामले पर कठघरे में खड़ी सरकार के मुखिया ने मामले पर संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिये हैं. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ट्वीट किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि गिरीडीह में बहन सावित्री देवी की मौत का दुखद समाचार मिला है. जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन को मामले की जांच कर सोमवार को ही रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.बता दें कि झारखंड में भूख से होने वाली मौत का ये कोई पहला मौका नहीं है. जबकि जिले का यह दूसरा ताजा मामला है. बता दें कि गिरिडीह के सेवाटांड़ में कुछ दिन पहले भूख के चलते एक मौत हुई थी अब मधुबन में सावित्री देवी की मौत का मामला सामने आया है. 58साल की सावित्री काफी दिनों से भूखी थी और उसके पास राशन कार्ड भी नहीं था।
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