प्रसूति महिला के साथ उसकी मां सीता देवी भी जमुई जा रही थीं। उसके बताया कि 8 महीने का गर्भ था। समय पर इलाज मिल जाता तो बच्चे की जान बच सकती थी। ...
गिरिडीह लॉकडाउन के दाैरान हर रोज देश भर में अनगिनत दिल दहलाने वाली घटनाएं हो रही हैं। ऐसी ही एक घटना शुक्रवार को गिरिडीह जिले के बेंगाबाद प्रखंड में घटी। धनबाद से पैदल ही बिहार के जमुई जा रही प्रवासी महिला का बीच सड़क पर प्रसव हुआ। दुखद यह रहा कि इलाज के अभाव में जन्म के तुरंत बाद ही नवजात तड़प-तड़प कर मर गया।
इलाज के अभाव में मर गया बच्चा
धनबाद में काम करने वाले मजदूरों का एक जत्था शुक्रवार को बिहार के जमुई जा रहा था। गिरिडीह पहुंचने पर पुलिस ने जत्थे में शामिल महिलाओं को ऑटो पर बिठाकर आगे के लिए रवाना कर दिया। ऑटोचालक ने बेंगाबाद के धूतिटांड टोल प्लॉजा के समीप सबको उतार दिया। यहां पर 26 वर्षीय कविता देवी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। महिला का सड़क पर ही प्रसव हुआ। महिला ने बेटे को जन्म दिया। महिला को किसी तरह का इलाज नहीं मिल सका। जच्चा-बच्चा की तबीयत खराब हो गई। बच्चे की माैत हो गई। थोड़ी देर में एक एंबुलेंस पहुंचा। एंबुलेंस चालक ने महिला और उसकी साथी महिलाओं को बेंगाबाद सामुदायिक अस्पताल पहुंचाया। यहां इलाज के बाद महिला की जान बच गई।
पीछे छूट गया था महिला का पति
प्रसूति महिला के साथ उसकी मां सीता देवी भी जमुई जा रही थीं। उसने बताया कि 8 महीने का गर्भ था। धनबाद से पैदल चलने से पहले ही बेटी की तबीयत कुछ ठीक नहीं थी। जांच कराई गई। इसके बाद सभी लोग जत्थे के साथ पैदल ही जमुई के लिए निकल पड़े। घटना के समय महिला का पति दीपक मांझी और उसके अन्य साथ पीछे छूट गए थे। घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय विधायक डॉ. सरफराज अहमद ने गिरिडीह प्रशासन को सूचना दी। इसके बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी रेस हुए।
एसडीएम ने महिला और उसके साथ अन्य को एंबुलेंस से भिजवाया जमुई
सूचना के बाद एसडीएम प्रेरणा दीक्षित माैके पर पहुंंचीं। उन्होंने मजदूरों के खाने-पीने का प्रबंध करवाया। इसके बाद महिला के साथ ही एक अन्य पांच महीने की गर्भवती महिला और उसकी साथी महिलाओं को एंबुलेंस से जमुई रवाना किया गया। नवजात बच्चे की माैत के बाद प्रसूति महिला बेसुध पड़ी थी। बेहोशी की हाल में ही उसे एंबुलेंस से जमुई रवाना किया गया।
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