उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्रीमती नैंन्सी सहाय के निदेशानुसार आज दिनांक-04.07.2020को मत्स्य विभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जेएसएलपीएस कार्यालय के सभागार में किया गया। कार्यशाला में देवघर जिला के विभिन्न प्रखण्डों के प्रखण्ड कार्यक्रम प्रबंधक, एफटीसी व जेएसएलपीएस के अधिकारियों को मत्स्य पालन से जुड़ी विभिन्न जानकारियां देते हुए इसके बारीकियों से अवगत कराया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान जिला मत्स्य पदाधिकारी श्री प्रशांत कुमार दीपक द्वारा जानकारी दी गयी कि हमारी अर्थव्यवस्था में मछली पालन एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है, जिसमें रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। ग्रामीण विकास एवं अर्थव्यवस्था में मछली पालन की महत्वपूर्ण भूमिका है। मछली पालन के द्वारा रोजगार सृजन तथा आय में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं। ऐसे में ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़े हुए लोगों व सखी मंडल की दीदियों को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त करने में मत्स्य रोजगार में अहम भूमिका अदा कर सकता है। मत्स्योद्योग एक महत्वपूर्ण उद्योग के अंतर्गत आता है तथा इस उद्योग को शुरू करने के लिए कम पूंजी की आवश्यकता होती है। इस कारण इस उद्योग को आसानी से शुरू किया जा सकता है।
मत्स्य पालन के खास बातें
● सुलभ,सस्ता और अधिक आय देने वाला ● स्वरोजगार उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण योजना ● संगठित तरीके से व्यवसाय की शुरुआत ● अनुकूल प्राकृतिक स्थिति ● पूरे समाज की बेहतरी ● लाभार्जन करने वाले सहायक उद्योग
इसके अलावे प्रशिक्षण के दौरान मत्स्य प्रसार पदाधिकारी श्री रवेन्द्र नाथ सहाय द्वारा जानकारी दी गयी कि मत्स्य रोजगार के दौरान कुछ बारीकियों और सावधानियों के साथ बेहतर तरीके से मत्स्य पालन किया जा सकता है। इसमें मुख्य रूप से ठंडे स्थानों पर रोहू और कतला प्रजाति की मछली का पालन किया जा सकता है। वहीं सामान्य तापमान वाले स्थानों में सिल्वर कार्प, ग्रास कार्प और कॉमन कार्प प्रजाति की मछली का उत्पादन करने से आय बढ़ाई जा सकती है।
इस संबंध में जेएसएलपीएस के डीपीएम श्री प्रकाश रंजन द्वारा जानकारी दी गयी कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु हुए तालाबंदी के कारण गांव के गरीब तबकों को खासतौर पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर अत्यंत ही बुरा असर पड़ा है। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा जेएसएलपीएस के माध्यम से सखी मंडल की महिलाओं को स्वरोजगार करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है, ताकि वे अपने घरों में हीं सुरक्षित रहते हुए स्वरोजगार कर कुछ आमदनी कर सकें। इसी कड़ी में आज मत्स्य विभाग के सहयोग से जेएलएलपीएस के सभी अधिकारियों, प्रखण्ड पदाधिकारियों व कर्मियों को मत्स्य रोजगार से जुड़ी विस्तृत जानकारी व प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण के पश्चात जिले के सभी प्रखण्डों व पंचायतों के स्वयं सहायता समूह की दीदियों को मत्स्य पालन के रोजगार से जोड़ा जायेगा, ताकि वे अपने गांव में हीं मत्स्य पालन कर अपने परिवार को सशक्त व आत्मनिर्भर बन सके।
जिले में मत्स्य पालन को एक बेहतर रोजगार का स्वरूप दिया जायेगा
इस दिशा में उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय ने आग्रह करते हुए कहा है कि सखी मंडल की महिलाएं मत्स्य पालन का प्रशिक्षण प्राप्त कर छोटे से लेकर बड़े स्तर पर मत्स्य पालन से जुड़कर स्वरोजगार कर सकती हैं। इससे वे आत्मनिर्भर तो होंगी हीं साथ हीं उनके आय के स्त्रोत में भी वृद्धि होगी। इसके अलावे उन्होंने कहा कि आज जहाँ स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद दीदी की आर्थिक स्थिति सिर्फ बेहतर हीं नही हुई है बल्कि वे अपने साथ-साथ अपने परिवार के लोगों के भी जीवनस्तर में सुधार लायी हैं और इसका जीता-जागता उदाहरण ये दीदी हैं, जो कि अपने मेहनत, लग्न और सफलता से अन्य सभी महिलाओं को भी प्रेरित करने का काम किया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम दौरान जिला मत्स्य पदाधिकारी श्री प्रशांत कुमार दीपक, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी, श्री रवेन्द्र नाथ सहाय, जेएसएलपीएस के डीपीएम श्री प्रकाश रंजन, जेएसएलपीएस के डीएलएम, जेएसएलपीएस के डिस्ट्रीक्ट मैनेजर के साथ-साथ संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मी आदि उपस्थित थे।
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